अब तक 71 डेंगू के मरीज आए जिनमें 15 एक्टिव केस

जागरण संवाददाता इटावा राष्ट्रीय पोषण माह में बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के ओर से

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 06:43 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 06:46 PM (IST)
अब तक 71 डेंगू के मरीज आए जिनमें 15 एक्टिव केस
अब तक 71 डेंगू के मरीज आए जिनमें 15 एक्टिव केस

जागरण संवाददाता, इटावा : राष्ट्रीय पोषण माह में बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग के ओर से चलाई जा रही योजनाओं पर सीफार संस्था के सहयोग से मंगलवार को जिले में मीडिया कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग तथा महिला कल्याण विभाग के अधिकारियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. भगवान दास भिरोरिया ने कहा कि जिले में घर-घर बुखार और कोरोना के लक्षणों वाले लोगों की जानकारी ली गई है।इसके आधार पर लोगों की जांच व उपचार प्रदान किया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू के मरीजों की अलाइ•ा जांच के लिए जिला अस्पताल और निजी चिकित्सालयों से सैंपल ले कर उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई भेजा जा रहा है। वर्तमान में 71 डेंगू के मरीज थे जिनमें 15 एक्टिव केस हैं, बाकी मरी•ा ठीक हो कर घर जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में वायरल बुखार का मौसम चल रहा है, इससे घबराएं नहीं, क्यों कि यह बुखार 5 से 7 दिनों में ठीक हो जाता है। आयुष्मान योजना के अन्तर्गत 1 लाख 43 हजार लोगों के कार्ड बनाए जा चुके हैं और लगभग 5 हजार लोगों ने इसमें उपचार भी प्राप्त किया है। उन्होंने बताया सुमन कार्यक्रम के अन्तर्गत जिले में किसी भी गर्भवती महिला की मृत्यु की जानकारी कोई भी व्यक्ति देता है तो उसे 1000 की राशि दी जाती है, इसका उद्देश्य मातृ मृत्यु का शत-प्रतिशत पंजीकरण कराना है। 44 पोषण वाटिकाओं का हो रहा विकास आसीडीएस से सीडीपीओ उत्तम कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह के अन्तर्गत 44 पोषण वाटिकाओं का विकास किया जा रहा है। अनुपूरक आहार वितरण की अन्तर्गत 0.3 वर्ष के 66722, 3.6 वर्ष के 27673 बच्चों और 31681 गर्भवती महिलाओं को पोषाहार वितरित किया गया। जिला प्रोबेशन अधिकारी सूरज सिंह ने बताया की महिला कल्याण विभाग की ओर से जिले में 28 हजार 941 विधवा महिलाओं को पेंशन प्रदान की जा रही है और मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अन्तर्गत 1740 लाभार्थियों को लाभ दिया गया है। उन्होंने बताया कि जिले में 3 महिला शरणालय चलाये जा रहे हैं जहां निराश्रित महिलाओं के लिए प्रबंध किये गए हैं। पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों का इलाज बाल रोग विशेषज्ञ डा. पीके गुप्ता ने बताया कि पोषण पुनर्वास केन्द्र में 10 बेड उपलब्ध हैं जहां कुपोषित बच्चों का उपचार किया जाता है। इसमें कुपोषण के निरीक्षण के आधार पर बच्चों को भर्ती किया जाता है। उन्होंने बताया कि ठंडे मौसम में कुपोषित बच्चों को हाइपोथर्मिया होने का खतरा अधिक होता है इसके उपचार के लिए एनआरसी में सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने सवाल का जवाब देते हुए बताया कि 1 जनवरी 2015 को एनआरसी हुई थी, अब तक 928 बच्चे एनआरसी से पूरी तरह ठीक हो कर जा चुके हैं। इस वित्त वर्ष में अब तक 48 बच्चे भर्ती हुए थे जिनमें 40 ठीक हो चुके हैं। एनआरसी में कम वजन वाले बच्चे को 15 प्रतिशत व•ान बढ़ने और ठीक होने के बाद ही भेजा जाता है। कार्यशाला में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुशील व डा. अवधेश, जिला कार्यक्रम प्रबंधक संदीप दीक्षित, सीफार से मंडलीय समन्वयक आशीष कुमार, जिला समन्वयक प्रीति पांडेय, रतीश कुमार, अनुपम मिश्रा व विभिन्न संस्थाओं से मीडियाकर्मी उपस्थित रहे।

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