डीएफसी पर मालगाड़ी की चपेट में आने से भाई-बहन की मौत

संवाद सहयोगी जसवंतनगर डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर यानी डीएफसी पर आगरा से कानपुर क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 30 Sep 2021 04:30 PM (IST) Updated:Thu, 30 Sep 2021 04:30 PM (IST)
डीएफसी पर मालगाड़ी की चपेट में आने से भाई-बहन की मौत
डीएफसी पर मालगाड़ी की चपेट में आने से भाई-बहन की मौत

संवाद सहयोगी, जसवंतनगर : डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर यानी डीएफसी पर आगरा से कानपुर की तरफ जा रही मालगाड़ी से गुरुवार की सुबह सिसहाट गांव के पास भाई-बहन की चपेट में आने से मौत हो गई। यह हादसा सुबह साढ़े छह बजे हुआ। दोनों भाई-बहन रेल पटरी क्रास कर रहे थे।

सिसहाट गांव निवासी सज्जन कुमार के पुत्र और पुत्री क्रमश: 15 वर्षीय नितेश और 17 वर्षीया अंजू गांव में स्थित अपने धान के खेत पर ़फसल की कटाई करने जा रहे थे। ट्रेक पार करते समय ट्रेन आ गई और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पाकर स्वजन मौके पर पहुंचे और गांव में कोहराम मच गया। पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। सज्जन कुमार की डेढ़ बीघा खेती है। उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। उसके पांच संतानें हैं। दो की मौत हो जाने के बाद अब केवल 20 वर्षीय पुत्र ऋषि व दो पुत्रियां 18 वर्षीय शिवानी व 10 वर्षीय रूबी बचे हैं। बहन को बचाने दौड़ा था नीतेश ट्रैक पर चल रही बड़ी बहन अंजू को बचाने के लिए भाई नीतेश ने दौड़ भी लगाई थी। लेकिन वह इस चक्कर में खुद भी मालगाड़ी की चपेट में आ गया। बताया गया कि नीतेश ने मालगाड़ी को देख लिया था, मालगाड़ी की स्पीड काफी ज्यादा थी और उसकी बहन ट्रैक पर चल रही थी। वह उसे धक्का देकर दूर हटाने की कोशिश करना चाहता था लेकिन इस दौरान वह भी मालगाड़ी की स्पीड तेज होने के कारण उसकी चपेट में आ गया और बच नहीं सका। दोनों भाई बहन की मौके पर ही मौत हो गई। अंजू की बड़ी बहन शिवानी भी उसके साथ थी। उसने रेलवे ट्रैक को पार कर लिया था, वह आगे चल रही थी। अंजू व नीतेश पीछे आ रहे थे। नीतेश ने रेलवे लाइन को पार कर लिया था। सबसे पीछे अंजू ट्रैक से आ रही थी तभी नीतेश ने देखा कि टूंडला की तरफ से तेज रफ्तार मालगाड़ी आ रही है। वह अंजू को बचाने के लिए चिल्लाया भी लेकिन ट्रेन की आवाज में अंजू उसकी बात नहीं सुन पाई। बेटी ने लिया था धान कटाई का ठेका भाई बहन की मौत की खबर जैसे ही गांव के लोगों ने सुनी तो गांव में मातम पसर गया। पिता सज्जन लाल बीमारी के चलते मेहनत का काम नहीं कर सकते हैं। हालांकि उनकी पुत्री अंजू व पुत्र नीतेश व पुत्री शिवानी मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते थे। बड़ा पुत्र भी ऋषि राजकोट में रहकर हलवाई गिरी करता है। बच्चों की मेहनत मजदूरी से घर का चूल्हा जलता था। बताया गया है कि सज्जन की पुत्री शिवानी ने धान की फसल की कटाई का ठेका अन्य किसान से लिया था। गुरुवार सुबह को वे तीनों लोग काम करने घर से निकले थे। ग्रामीणों ने बताया कि अंजू बीएससी प्रथम की छात्रा थी जबकि नीतेश 9वीं कक्षा में पड़ता था। बड़ी बहन शिवानी ने हाईस्कूल पास करने के बाद आर्थिक स्थिति ठीक न होने से पढ़ाई बंद कर रखी थी।

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