प्रशासन की उपेक्षा से पूजा को तरस रहे श्रीराम जानकी
संवादसूत्र बकेवर अयोध्या में भले ही भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण में शासन-प्रशासन कोई कसर नह
संवादसूत्र, बकेवर : अयोध्या में भले ही भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण में शासन-प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ रहा है, लेकिन नगर लखना में करोड़ों की संपत्ति के स्वामी श्रीराम जानकी मंदिर दो दशक से प्रशासन की उपेक्षा से बदहाली के आलम में हैं। जर्जर भवन में मूर्तियां पूजा को तरस रही हैं तो प्रशासन हर साल मंदिर की करीब 150 बीघा खेतिहर भूमि, चार बाग तथा कई दुकानों को किराए पर देकर उसकी रकम सरकारी खजाने में जमा कर कर्तव्य की इतिश्री कर लेता है।
इस तथ्य को रिसीवर तहसीलदार भरथना हरिश्चंद्र ने भी शनिवार को माना, जब उन्होंने मंदिर पर पहुंचकर निरीक्षण किया। मौके पर मंदिर परिसर में पड़ोस की महिला समाजसेवी अनुपम कुशवाहा व अविनाश राठौर दीपावली पर्व नजदीक आने के मद्देनजर साफ सफाई व पुताई का कार्य निजी स्तर से करते हुए मिले। उन्होंने बताया कि मंदिर भवन की जर्जर हालत होने से दैनिक पूजा भी नहीं हो रही है। श्रद्धालुओं द्वारा यदा कदा सुंदरकांड व अखंड रामायण पाठ का आयोजन कराया जाता रहता है। पुजारी रमेश पाल ने अपनी व्यथा व्यक्त करते बताया कि कई करोड़ों रुपये की संपत्ति के श्रीराम जानकी की मूर्तियां अभी भी पूजा के लिए परेशान हैं। कोई पूजा नहीं की जा रही। मुख्य बाजार में दुकानें व करीब डेढ़ सौ बीघा खेत व चार बाग इनके नाम पर दर्ज हैं, लेकिन इनकी देखरेख के लिए कोई व्यवस्था तहसील प्रशासन द्वारा नहीं की जा रही है। तेज बहादुर राठौर, रामबीर यादव, मनोज कुशवाहा, रमेश यादव पप्पू, गंभीर सिंह यादव, सभासद दिनेश यादव आदि मौजूद थे। इनके समक्ष तहसीलदार ने मंदिर का जीर्णोद्धार तथा बाउंड्रीवाल का निर्माण कराने का आश्वासन दिया है।