ट्रेन की चपेट में आए चरवाहे की मौत
संवाद सहयोगी भरथना साम्हो रेलवे स्टेशन के समीप लाइन पार कर रहे वृद्ध चरवाहे सहित पांच
संवाद सहयोगी, भरथना : साम्हो रेलवे स्टेशन के समीप लाइन पार कर रहे वृद्ध चरवाहे सहित पांच बकरियों की मालगाड़ी की चपेट में आ जाने से मृत्यु हो गई।
ग्राम साम्हो निवासी करीब 73 वर्ष सूरजदीन पुत्र मुलू खटीक अपने और आस पड़ोस के गांव के लोगों की बकरियां चराकर गुजारा करते थे। रविवार सुबह वह पांच बकरियों को लेकर नगला नया की तरफ जा रहे थे। जैसे ही वह साम्हो रेलवे स्टेशन के निकट पूर्वी केबिन के समीप पहुंचे, तभी डाउन ट्रैक पर तेज गति से आ रही मालगाड़ी की चपेट में सूरजदीन सहित बकरियां आ गई। इससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। सूरजदीन की मौत की जानकारी होते ही उनके नाते रिश्तेदार व अन्य स्वजन घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े।
साम्हो के पूर्व ग्राम प्रधान अमर सिंह शाक्य ने बताया कि मौके पर पहुंची जीआरपी पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर स्वजन की मांग पर बगैर पोस्टमार्टम कराए सूरजदीन का शव उनके स्वजन को सौंप दिया। मौजूदा प्रधान बिजेंद्र ने बताया कि सूरजदीन के दो पुत्रियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है और वे दिल्ली में रह रही हैं। हादसे में हताहत होने वाली बकरियों की कीमत लगभग डेढ़ लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है।
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रस्सी छोड़ देते तो बच जाती जान
रेलवे लाइन पार करते समय तेज गति से आती मालगाड़ी देखकर सूरजदीन बकरियों के गले से बंधी पघईया (रस्सी) को छोड़ देते, तो शायद उनकी जान बच जाती। बकरियों के मालगाड़ी की चपेट में आने से बचाने की कोशिश में खुद की भी जान गवां बैठे। हादसा सुबह करीब सात बजे साम्हो से करीब आधा किमी दूरी पर हुआ, जिससे हादसे की जानकारी तुरंत गांव तक पहुंचने में समय नहीं लगा। ग्रामीण बताते हैं कि सूरजदीन दोनों बेटियों की शादी करने के बाद गांव में अकेले रहते थे। दरअसल उनकी पत्नी की कई वर्ष पहले मृत्यु हो गई थी। बंटाई पर बकरियां लेकर गुजारा करते थे। वह नगला नया के ग्रामीणों की बंटाई पर ली गई बकरियों को लौटाने के लिए जा रहे थे, तभी हादसा हो गया। हादसे से रेलवे यातायात पर प्रभाव नहीं पड़ा।