श्रावण मास में शिव उपासना से मिलता है मोक्ष

जागरण संवाददाता इटावा श्रावण मास में शिव उपासना करने से जीव जीवन-मरण के बंधन से मुक्त ह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 05:12 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 11:15 PM (IST)
श्रावण मास में शिव उपासना से मिलता है मोक्ष
श्रावण मास में शिव उपासना से मिलता है मोक्ष

जागरण संवाददाता, इटावा : श्रावण मास में शिव उपासना करने से जीव जीवन-मरण के बंधन से मुक्त होकर मोक्ष पा जाता है। साधकों के लिए यह मास इतना उपयोगी है कि चंचल और अति चलायमान मन की एकाग्रता बढ़ जाती है। इससे जीव परमतत्व को पाने में सफल हो जाता है।

यह कहना है ज्योतिषाचार्य राज्यपाल से सम्मानित डा. ब्रह्म कुमार मिश्र का। उन्होंने बताया कि शिव की उत्पति वश कांतौ धातु से मानी जाती है। इसका अर्थ है कि जिसको सब चाहें वही शिव है। शिव का दूसरा अर्थ कल्याण और परमानंद भी है। जो भक्त श्रावण मास में आराधना करते हैं वे त्रिगुणातीत भाव को प्राप्त कर लेते हैं, जिससे मोक्ष का मार्ग प्रशस्त हो जाता है तथा अविद्या रूपी माया के मोह पाश से मुक्त हो जाता है। श्रावण मास शिवशक्ति की कृपा पाने को सभी साधकों के लिए सर्वोत्तम है, निरंतर उपासना से भगवान भूतनाथ भोलेनाथ तथा आदि शक्ति मां भगवती पार्वती माता की एक साथ कृपा बरसती है और साधक निर्भय होकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करते हुए शिवमय हो जाता है। ओउ्म नम: शिवाय महामंत्र में अपार शक्ति ज्योतिषाचार्य का कहना है कि ओउ्म नम: शिवाय महामंत्र में अपार शक्ति व्याप्त है। शिवलिग का गंगाजल, दूध, कुश, शहद, घी आदि से अभिषेक करके पच्चोपचार, षोडषोचार पूजन करके उपरोक्त मंत्र का जाप करने से महामंत्र की शक्ति आध्यात्मिक किरणों से भक्तों के मन मस्तिष्क को संचालित करती हैं। इसी के साथ जीव को भव ताप से दूर रखकर भक्ति का प्रवाह करती है। इससे परम ब्रह्म से साक्षात्कार करने का सौभाग्य प्राप्त होता है। इस मास में साधक ज्यादा कुछ न कर सके तो सिर्फ शिवलिग पर जलाभिषेक करके भी जीवन-मरण के मायाजाल से मुक्ति पा सकता है।

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