धान खरीद,पराली की डीएम ने परखी हकीकत

जागरण संवाददाता इटावा सरकारी खरीद केंद्रों पर धान की खरीद और खेतों में पराली की ह

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 07:58 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 10:15 PM (IST)
धान खरीद,पराली की डीएम ने परखी हकीकत
धान खरीद,पराली की डीएम ने परखी हकीकत

जागरण संवाददाता, इटावा : सरकारी खरीद केंद्रों पर धान की खरीद और खेतों में पराली की हकीकत परखने को जिलाधिकारी श्रुति सिंह ने अमले के साथ खरीद केंद्रों तथा गांवों में पहुंची। कई केंद्रों पर खरीद न होने पर नाराजगी प्रकट की तो गांवों में जाकर खेतों पर भ्रमण करके एक गांव में चौपाल लगाकर किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया।

जिलाधिकारी ने शहर के उत्तरी किनारे बरेली हाईवे पर स्थित कृषि मंडी में खरीद केंद्रों का अवलोकन किया, किसी भी केंद्र पर खरीद न होने पर पूछा तो बताया गया धान काफी गीला है इससे खरीद नहीं हो रही है। जिस पर आढ़तियों की दुकानों पर लगे धान के ढेर में से दो जगह से धान चेक कराया जिसमें एक में 30 तो दूसरे में 22 फीसद नमी पाई गई जबकि खरीद 17 फीसद नमीयुक्त धान की होनी है। डिप्टी आरएमओ ने बताया कि जनपद में 29 धान खरीद केंद्र खोल दिए गए है। बीते बुधवार की शाम तक भरथना-जसवंतनगर में 34.60 मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है। मानक के अनुरूप धान आने पर खरीद लक्ष्य के अनुरूप होगी। यही हाल दतावली केंद्र पर पाया गया। उप निदेशक कृषि एके सिंह, जिला कृषि अधिकारी अभिनंदन सिंह, दिनेश कुमार त्रिपाठी आदि अधिकारी-कर्मी साथ में थे।

डीएम के साथ गांवों में पहुंचा अमला

संवादसूत्र बसरेहर : जिला अधिकारी श्रुति सिंह के साथ प्रशासनिक अमला बसरेहर, बादरीपूठ, चौबिया, मसनाई होते हुए ताखा एवं भरथना तहसील क्षेत्र में धान उत्पादक गांवों में पहुंचा। जिलाधिकारी ने बसरेहर में राशन की दुकानों को भी चेक किया जहां उन्हें संतोषजनक कार्य नजर आया, बादरीपूठ साधन सहकारी समिति पर स्थित खरीद केंद्र पर खरीद न होने पर नाराजगी प्रकट करते हुए इलेक्ट्रिक का कांटे की भी जांच के निर्देश दिए। किसानों को धान साफ करने और सुखाकर बेचने के लिए प्रेरित किया।

आधुनिक मशीनों की देखी कार्य क्षमता

ग्राम मसनाई में जिलाधिकारी ने खेतों पर जाकर धान कटाई के लिए आधुनिक मशीन कंबाइन हार्वेस्टर के साथ लगे एसएमएस तथा मल्चर से धान की कटाई देखकर किसानों को ऐसे आधुनिक उपकरणों का उपयोग करने की सलाह दी। उप निदेशक कृषि ने बताया कि कंबाइन के साथ एसएमएस होने से पराली काफी महीन कटकर खेत में ही समा जाती है जबकि मल्चर पराली को भूसा बना देता है। इस दौरान कई किसानों ने हाथ से धान की कटाई को दिखाया तो उन्होंने लघु सीमांत किसानों को हाथ से कटाई के लिए प्रेरित किया। चौपाल में प्रगतिशील किसान राहुल यादव ने बताया कि इस क्षेत्र के अधिकतर किसान पराली जलाते नहीं हैं खेत में सड़ाकर खाद बनाते हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि पराली जलाने से वातावरण दूषित होता है जो मानव जीवन के साथ पशु-पक्षियों के लिए भी खतरनाक साबित होती है। पराली ही नहीं अपितु कूड़ा को भी नहीं जलाया जाना चाहिए।

लेखपाल की हुई शिकायत

चौपाल में कुछ किसानों ने गांव के लेखपाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि छोटे-छोटे काम के भी रुपये लेते हैं। मारे पूर्वजों की मृत्यु पर उनके नाम हटाकर विरासत दर्ज कराने के भी रुपये लिए जाते हैं जिस कारण आज तक उनके नाम नहीं हटाए गए और विरासत दर्ज नहीं हुई जिससे कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिलाधिकारी ने जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया।

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