कोरोना संकट के बीच ब्लैक फंगस से लड़ने की तैयारी

जागरण संवाददाता इटावा कोरोना संकट के बीच ब्लैक फंगस की महामारी को रोकने के लिए स्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 08:19 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 08:19 PM (IST)
कोरोना संकट के बीच ब्लैक फंगस से लड़ने की तैयारी
कोरोना संकट के बीच ब्लैक फंगस से लड़ने की तैयारी

जागरण संवाददाता, इटावा : कोरोना संकट के बीच ब्लैक फंगस की महामारी को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। जिला अस्पताल व कोविड हॉस्पिटल में इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों को लगाया गया है। इसके लिए मेडिकल कारपोरेशन लखनऊ से 500 इंजेक्शन की मांग की गई है। साथ ही कोरोना मरीजों की निगरानी बढ़ा दी गई है। सीएमओ डा. भगवानदास ने बताया कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब धीरे-धीरे काबू में आ रही है, इस बीच ब्लैक फंगस चिता का सबब बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि अभी तक जिले में कोई भी इस बीमारी का मरीज नहीं मिला है लेकिन बीते दिनों लखनऊ में भर्ती जनपद के एक व्यक्ति की ब्लैक फंगस के कारण मौत होने की खबर आ चुकी है।

जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. एसएस भदौरिया का कहना है कि कोविड हास्पिटल में भर्ती मरीजों के स्वास्थ्य की निगरानी बढ़ाई गई है, सभी चिकित्सकों को इससे संबंधित प्रोटोकॉल जारी किए गए हैं। इसमें बीमारी का पूरा विवरण व अन्य जानकारी शामिल की गई है। नाक, कान व गला रोग विशेषज्ञ डा. जेपी चौधरी को अलर्ट किया गया है, अगर किसी भी मरीज में इससे संबंधित कोई भी लक्षण मिलता है तो तत्काल संबंधित का इसके अनुरूप इलाज व्यवस्थित किया जाएगा। इसके अलावा जिला अस्पताल में अलग से पोस्ट कोविड वार्ड बनाने की तैयारी की गई है। इस वार्ड में अगर कोविड से ठीक होने के बाद किसी को कोई समस्या आती है तो उसे भर्ती किया जाएगा।

उनका कहना है कि ब्लैक फंगस की बीमारी में प्रयुक्त होने वाले इंजेक्शन की मांग की गई है, जल्द ही आपूर्ति होने की उम्मीद है। सीएमओ डा. भगवानदास ने बताया कि ब्लैक फंगस पर भी हमारी नजर है। बीमारी के प्रभावी नियंत्रण की कार्ययोजना है। क्या है बीमारी कोविड एल-वन हास्पिटल के चिकित्सक डा. एके जाटव ने बताया ब्लैक फंगस एक खतरनाक फंगल संक्रमण है। ब्लैक फंगस इंफेक्शन वातावरण, मिट्टी जैसी जगहों में मौजूद म्यूकोरमाइकोसिस नामक सूक्ष्म जीवों की चपेट में आने से होता है। इन सूक्ष्म जीवों के सांस द्वारा अंदर लेने या स्किन कॉन्टैक्ट में आने की आशंका होती है। यह संक्रमण अक्सर शरीर में साइनस, फेफड़े, त्वचा और दिमाग पर हमला करता है। जिन लोगों में किसी गंभीर बीमारी या दवाइयों के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, उन्हें इस फंगल इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। जैसे एचआइवी या एड्स, कैंसर, डायबिटीज, ऑर्गन ट्रांसप्लांट, व्हाइट ब्लड सेल का कम होना, लंबे समय तक स्टेरॉयड का इस्तेमाल, ड्रग्स का इस्तेमाल, पोषण की कमी को माना गया है।

chat bot
आपका साथी