संक्रमण से गर्भवती महिलाएं रहें सतर्क और करें बचाव
संवाद सहयोगी सैफई कोविड महामारी घर-घर दस्तक दे चुकी है। ऐसे में घरों में रह रह
संवाद सहयोगी, सैफई : कोविड महामारी घर-घर दस्तक दे चुकी है। ऐसे में घरों में रह रही महिलाएं खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है। यह कहना है उप्र आयुर्विज्ञान विवि की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की एसोसिएट प्रो. डॉ. वैभव कांति का।
उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान होने वाली शारीरिक बदलाव की वजह से प्रतिरोधक क्षमता कम होती है जिससे इनमें कोरोना संक्रमण का खतरा कई गुना अधिक होता है। एक शोध के मुताबिक इन महिलाओं में कोरोना संक्रमण का खतरा 70 फीसद तक अधिक हो सकता है। यह भी देखा गया है कि उच्च रक्तचाप शुगर, हृदय रोग गुर्दे की बीमारी तथा एचआईवी ग्रसित गर्भवती महिलाओं में इस संक्रमण का खतरा सामान्य गर्भवती महिलाओं के मुकाबले कई गुना ज्यादा है। ऐसे में 20 से 25 फीसद गर्भवती महिलाओं में असमय प्रसव का खतरा भी रहता है। 75 से 85 फीसद गर्भवती महिलाएं भी कोविड-19 संक्रमण में लक्षण मुक्त हो सकती हैं। गर्भवती महिलाओं को संक्रमण के खतरे को देखते हुए उन्हें जब तक जरूरी न हो तब तक बाहर निकलने से बचना चाहिए।
सर्दी जुकाम वाले पारिवारिक सदस्यों से दूरी बनाएं और घर पर भी मास्क का प्रयोग करें। प्रतिरोधक क्षमता तथा खून की कमी न हो इसलिए पौष्टिक आहार एवं आयरन की गोली लेती रहें। घर पर ही रह कर मॉनिटरिग करें, एसपीओ टू 94 फीसद से कम होने पर अथवा कोविड-19 लक्षण आने पर डॉक्टर से संपर्क करें। हाई रिस्क महिलाओं में अधिक संक्रमण के खतरे को देखते हुए महामारी के दौरान गर्भधारण से बचना चाहिए। जिसके लिए अपने डॉक्टर अथवा टेलीमेडिसिन के माध्यम से संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं।
गर्भधारण का पता चलने पर डॉक्टर से संपर्क करें तथा आवश्यकता अनुसार 12 व 28 और 36 सप्ताह में कोविड-19 के साथ खून तथा अल्ट्रासाउंड व अन्य जरूरी जांचें भी करवाएं। गर्भवती महिलाओं में कोरोना वैक्सीन पर कई शोध चल रहे हैं जिसकी पुख्ता जानकारी अभी तक नहीं है। परंतु कई गाइडलाइन के मुताबिक प्रसव महिलाएं उपरांत कोरोना का टीका लगवा सकती हैं। संक्रमित महिलाएं प्रसव उपरांत मास्क लगाकर ही बच्चों को दूध पिलाएं।
-------
करें यह जरूरी उपाय
- गर्भावस्था के दौरान घर से बाहर जाने से बचें
- जरूरी जांचें एवं चेकअप नियमित रूप से कराएं
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें
- घर पर भी मास्क का प्रयोग करें
- नियमित रूप से रक्तचाप, शुगर एवं ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें
- हाई रिस्क महिलाएं गर्भधारण करने से बचें
- सतर्क रहें तथा लक्षण आने पर जरूरी सामान के साथ अपने को आइसोलेट कर लें ।