प्रसपा नेता के साले की कोरोना संक्रमण से मौत
संवाद सहयोगी सैफई उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में व्यवस्थाओं पर आए दिन आरोप-प्रत्यार
संवाद सहयोगी, सैफई : उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में व्यवस्थाओं पर आए दिन आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थम नहीं रहा है। बुधवार की शाम एक बार फिर स्थिति हंगामा व शोर शराबा की बन गई। जब प्रसपा नेता के साले की उपचार के दौरान मौत हो गई। स्वजनों ने लापरवाही की वजह से मौत होने का आरोप लगाते हुए चिल्लाना शुरू कर दिया। जैसे-तैसे उनका गुस्सा शांत कराया जा सका। जिले के बढ़पुरा थाना क्षेत्र के निवासी एक 48 वर्षीय व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव था। जिला अस्पताल इटावा से रेफर करके 24 अप्रैल को सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय के कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के प्रदेश सचिव देवेश पचौरी का साला था।
प्रसपा के प्रदेश सचिव देवेश पचौरी ने ऑक्सीजन न मिलने के कारण साले की मौत का आरोप विश्वविद्यालय प्रशासन पर लगाया। खासतौर से अपर चिकित्सा अधीक्षक कोविड डॉ. अनिल शर्मा पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा 24 अप्रैल को जिला अस्पताल इटावा से रेफर करा कर सैफई पहुंचे थे। उस समय करीब 3 घंटे तक मरीज को बाहर रखना पड़ा था। प्रसपा मुखिया शिवपाल सिंह यादव के प्रयास से भर्ती कराया गया था। उसके बाद लगातार चिकित्सकों की लापरवाही थी। हम अपने साले से फोन के माध्यम से जानकारी लेते थे तो वह बताते थे यहां पर कोई देखरेख नहीं कर कर रहा है। ऑक्सीजन की भी बड़ी समस्या है। मंगलवार की रात हमारे साले से फोन पर बात हुई थी तो उन्होंने बताया था विश्वविद्यालय में ऑक्सीजन नहीं है। चिकित्सक ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं करा रहे हैं।