एबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से मरीज परेशान, निजी साधनों से पहुंचे घर

²श्य - एक अपनी बहन के साथ दुर्घटना का शिकार गोलू शेरपुर कोठी तक जाने के लिए अस्पताल प

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 06:51 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 11:10 PM (IST)
एबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से मरीज परेशान, निजी साधनों से पहुंचे घर
एबुलेंस कर्मियों की हड़ताल से मरीज परेशान, निजी साधनों से पहुंचे घर

²श्य - एक : अपनी बहन के साथ दुर्घटना का शिकार गोलू शेरपुर कोठी तक जाने के लिए अस्पताल परिसर में चक्कर लगाता रहा। प्राइवेट एंबुलेंस का किराया इतना अधिक था जो उसके लिए मुमकिन नहीं था। अस्पताल से बाहर आकर उसने प्राइवेट वाहन किराये पर लिया तब घर गया। ²श्य - दो : डिलीवरी होने के बाद अपने घर नगला बैनी जाने के लिए नीतू काफी समय तक एंबुलेंस के इंतजार में इधर-उधर भटकती रही। फिर बाहर आकर उसने भी प्राइवेट वाहन का सहारा लेकर घर गई। -सीएमओ ने नही की कोई वैकल्पिक व्यवस्था, मांगों पर अड़े रहे कर्मचारी

जागरण संवाददाता, इटावा : अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारी संघ ने सोमवार से चक्का जाम कर आंदोलन शुरू कर दिया। 52 एंबुलेंस में से केवल तीन एंबुलेंस ड्यूटी के लिए छोड़ी गई थीं। एंबुलेंस के न होने के कारण जिला अस्पताल में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मरीज घर जाने के लिए प्राइवेट वाहन ढूंढ़ते हुए नजर आये। सीएमओ आंदोलन एंबुलेंस कर्मियों से वार्ता करने पहुंचे लेकिन एंबुलेंस कर्मी नहीं माने। उनका कहना था कि उनकी रोजी रोटी का सवाल है। मुख्यालय से जो फैसला होगा उसी को वह मानेंगे।

सीएमओ डा. भगवानदास ने कर्मचारियों को बताया कि जिले में जो एएलएस की एंबुलेंस संचालित हैं उनके चालकों का समायोजन हो गया है, बाकी का निर्णय भी लिया जा रहा है। जिला अध्यक्ष शिव कुमार ने बताया कि हड़ताल से सेवा 102 की 27 व 108 की 21 तथा एएलएस की चार गाड़ियां बंद हैं।

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तीसरे दिन भी धरने पर बैठे एंबुलेंस कर्मचारी

जागरण,संवाददाता, इटावा : जिले में संचालित स्वास्थ्य विभाग के 108, 102 एएलएस एंबुलेंस कर्मचारियों का समायोजन किए जाने की मांग को लेकर तीसरे दिन भी धरना-प्रदर्शन जारी रहा। आरोप लगाया गया कि एएलएस के कर्मचारियों को कंपनी बदलने पर हटाया जा रहा है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। कोरोना काल में कोरोना योद्धा की भूमिका में एंबुलेंस कर्मचारी सबसे आगे रहे। एंबुलेंस कर्मचारियों को ठेकेदारी से मुक्त किए जाने की मांग भी की जा रही है। वहीं कोरोना काल में जान गंवाने वालों के आश्रितों के परिवार को बीमा राशि दिए जाने की भी मांग की गई है। तीन दिन से जिला अस्पताल के गेट के बाहर धरना प्रदर्शन चल रहा है। संगठन के जिलाध्यक्ष शिव कुमार शर्मा ने बताया कि उनका मकसद किसी भी मरीज को परेशान करने का नही है। वह तो अपनी व आपने कर्मचारियों की रोजी-रोटी चाहते हैं। इसी को ध्यान में रखकर तीन वाहनों को बंदी से मुक्त कर रखा है।

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