गजरथ यात्रा संग पंचकल्याणक महोत्सव का समापन
जागरण संवाददाता इटावा धूमधाम से गजरथ यात्रा का शहर भ्रमण कराकर छह दिवसीय पंच कल्याण
जागरण संवाददाता, इटावा : धूमधाम से गजरथ यात्रा का शहर भ्रमण कराकर छह दिवसीय पंच कल्याणक महोत्सव का समापन हुआ। शहर के रामलीला मैदान में बनाई गई अयोध्या नगरी से शुरू हुई यात्रा को मोहल्ला लालपुरा स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में विश्राम दिया गया।
दोपहर 12 बजे गजरथ यात्रा गाजे बाजे के साथ निकाली गयी। विसराती परिवार हाथी पर सवार होकर जैन ध्वज पताका लेकर चल रहे थे। विशेष रथ पर श्रीजी को लिए सौधर्म इन्द्र तरूण जैन सवार थे। जबकि अनूप जैन, अभिषेक जैन द्वितीय रथ पर श्रीजी को लेकर चल रहे थे। अयोध्या नगरी की परिक्रमा करने के बाद गणाचार्य विराग सागर, आचार्य प्रमुख सागर, मेडीटेशन गुरू मुनि विहसंत सागर सहित समस्त साधूगण यात्रा में शामिल थे।
जैन मुनियों की प्रेरणा से सम्पन्न हुए पंचकल्याणक महोत्सव के अंतिम दिन सुबह मोक्ष कल्याणक की क्रिया विधि हुई। महोत्सव की अंतिम बेला पर गणाचार्य विराग सागर महाराज ने कहा कि समवशरण में जिनेन्द्र प्रभु की दिव्यध्वनि उनकी आयु 84 लाख वर्ष पूर्व के लगभग एक माह शेष रहने तक अनवरत भव्य जीवों के कल्याण हेतु खिरती रही। समवशरण का विघटन होते ही भगवा ऋषभदेव कैलाश पर्वत जिसे हम अष्टापद के नाम से भी जानते हैं उस पर्वत पर भगवान योग निरोध शुरू कर देते हैं उनकी सूक्ष्मक्रिया पतिपाति नामक ध्यान प्रारंभ होता है। संयोग केवली अवस्था में भगवान जीव विपाकी, पुदगल विपाकी, क्षेत्र विपाकी व भव विपाकी इन चार कर्मों की 63 प्रकृति का क्षय करते हैं। इस प्रकार भगवान को निर्वाण मोक्ष प्राप्ति के पश्चात सारी सभा में मोक्ष कल्याणक की अपार खुशियों का माहौल छा गया।
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प्रमुख सागर का मना आचार्य पदारोहण दिवस
इटावा गौरव आचार्यश्री प्रमुख सागर महाराज का द्वितीय आचार्य पदारोहण महोत्सव मनाया गया। क्षुल्लक प्रीती श्री एवं क्षुल्लिका परीक्षाश्री माताजी द्वारा द्वय आचार्यों की मंगलमय गुरू पूजन कराई गई। आचार्यों का पाद प्रक्षालन का सौभाग्य श्रीनवग्रह दिगंबर जैन मंदिर समिति कुनैरा को प्राप्त हुआ जब कि शास्त्र भेंट का सौभाग्य अनिल जैन सपना मेडिकल इटावा वालों को प्राप्त हुआ। आचार्य प्रमुख सागर ने सभी भक्तों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया।