जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाए

जागरण संवाददाता इटावा इटावा महोत्सव के अंतर्गत पंडाल में जैविक कृषि जागरूकता कार्यक्रम भा

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 06:01 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 06:32 PM (IST)
जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाए
जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाए

जागरण संवाददाता, इटावा : इटावा महोत्सव के अंतर्गत पंडाल में जैविक कृषि जागरूकता कार्यक्रम भारतीय किसान संघ की प्रांतीय संयोजक व प्रधानाचार्य सुशीला राजावत के संयोजन में हुआ। इस अवसर पर प्रथम सत्र में प्रतिभागियों द्वारा एक सैकड़ा से अधिक पोस्टर बनाकर प्रतियोगिता में भाग लिया गया। द्वितीय सत्र का उद्घाटन करते हुए एसएसपी जयप्रकाश सिंह ने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए इससे कई लाभ हैं और किसानों की आय भी अच्छी होती है। निर्णायक मंडल में प्रदीप सिंह भदौरिया व टीके महेश्वरी रहे। सीओ सिटी राजीव प्रताप सिंह ने पुरस्कार वितरित करते हुए भाषण प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार विनायक को दूसरा उत्कर्ष को, तीसरा अंश व यशपाल को दिया। इस अवसर पर भूमिजा फाउंडेशन, चित्रा शक्ति वेलफेयर सोसाइटी भारत विकास परिषद इटावा तुलसी, एकलव्य शूटिग एकेडमी का योगदान रहा। जैविक कृषि से कार्य करने वाले किसानों को भी सम्मानित किया गया। संचालन चित्रा परिहार ने किया। डा. उदयवीर सिंह, श्रीमन नारायण तिवारी, राहुल तिवारी, राजीव चौहान, प्रीतम खन्ना, नीलिमा चौधरी, पंकज कुमार सिंह चौहान, जितेंद्र भदौरिया, बंटू चौहान, पुत्तन भदौरिया, सुनील भदौरिया मौजूद रहे।

----------

मानस सम्मेलन में आएंगे कश्मीर के शंकराचार्य स्वामी अमृतानंद

जागरण संवाददाता, इटावा : धरनीधर त्रिवेदी द्वारा संस्थापित 32वां श्रीराम चरित मानस सम्मेलन प्रदर्शनी पंडाल में 20 व 21 दिसंबर को अपराह्न 3 बजे से सायं 8 बजे तक होगा जिसमें कश्मीर स्थित श्री शारदा सर्वज्ञ पीठम के जगद्गुरू शंकराचार्य अनंतश्री विभूषित स्वामी अमृतानंद देवतीर्थ भाग लेंगे। अयोध्याधाम के मानस मर्मज्ञ रघुनाथ प्रसाद त्रिपाठी मुख्य वक्ता के रूप में प्रवचन करेंगे। संयोजक संजीव कुमार अग्रवाल ने बताया कि प्रदर्शनी पंडाल में होने वाले मानस सम्मेलनों में यह पहली बार होगा कि इटावा के मानस प्रेमियों को जगद्गुरू शंकराचार्यजी का दर्शन एवं आशीर्वचन पाने का सौभाग्य मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश के सबसे प्राचीन श्री शारदा सर्वज्ञ पीठम जो पीओके पाक अधिकृत कश्मीर की बाधाओं के झंझावातों के बीच भारतीय सनातन संस्कृति की मान मर्यादाओं को बचाये रहा, उसके 500 वर्षों में काशी विद्वत परिषद द्वारा अनेक विद्वानों की उपस्थिति में पहले जगद्गुरू शंकराचार्य बनाए गए स्वामी अमृतानंद देवतीर्थ का आगमन बड़े ही सौभाग्य की बात है। संयोजक ने बताया कि सम्मेलन के संरक्षक विश्वपति त्रिवेदी रिटायर्ड आइएएस एवं पूर्व सचिव भारत सरकार के विशेष प्रयासों से शंकराचार्य जी का कार्यक्रम मिल सका है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन को यादगार बनाने के लिए तैयारियां की जा रहीं हैं। उन्होंने सभी से सम्मेलन में आने का आग्रह किया है।

chat bot
आपका साथी