लूटने के बाद सिपाही की हत्या करने वालों को उम्रकैद
जागरण संवाददाता इटावा मथुरा से बाइक पर सवार होकर घर आ रहे सिपाही की लूटपाट कर
जागरण संवाददाता, इटावा : मथुरा से बाइक पर सवार होकर घर आ रहे सिपाही की लूटपाट करके हत्या करने के आरोपित दो लोगों को विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र अवधेश कुमार ने दोनों पक्षों को विस्तार से सुनने के बाद दोषी माना। दोनों को आजीवन कारावास तथा 20-20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। इससे अपराधियों में कानून का भय व्याप्त हुआ।
विशेष शासकीय अधिवक्ता गौरव दीक्षित ने बताया कि थाना वैदपुरा में गांव अधियापुरा के बालकराम ने अपने ही गांव के सतीश बघेल पुत्र जोगेश कुमार तथा उपेंद्र उर्फ ओपा पुत्र कुशलपाल दिवाकर के खिलाफ लूट-हत्या का अभियोग दर्ज कराया था। कहा गया था कि भाई सुधीर कुमार पुलिस में सिपाही था जो मथुरा में तैनात थे। 01 दिसंबर 2016 को वे मथुरा से अपनी हीरो जेट बाइक पर सवार होकर घर आ रहे थे। गांव से करीब एक किमी की दूरी पर गांव नीदरपुर के पास शाम करीब सात बजे उपरोक्त दोनों लोगों ने भाई सुधीर को सिताब सिंह के खेत के पास रोक लिया। उसका मोबाइल फोन, नकदी, टिफिन बॉक्स व अन्य सामान लूट लिया। भाई ने प्रतिरोध किया तो सिर पर डंडा मारकर गिरा दिया तथा मफलर से गला घोटकर मार दिया।
सिपाही होने से हुई थी जबरदस्त हलचल
घटना के समय प्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव थे। उनके गृह जनपद में सिपाही की लूट और हत्या होने पर समूचे प्रदेश जबरदस्त हलचल हुई थी। इससे प्रशासन सकते में आ गया था। आईजी से लेकर एसएसपी ने निरंतर छानबीन की, तत्कालीन थाना प्रभारी जेपी पाल ने काफी सक्रियता बरतते हुए दोनों आरोपितों को पकड़ा ही नहीं था बल्कि लूटा हुआ मोबाइल फोन, टिफिन तथा हत्या के प्रयुक्त किए गए खून से सने डंडा और मफलर बरामद किए थे। इससे यह साक्ष्य दोनों अपराधियों के लिए सजा के सबब बन गए। आरोपितों के अधिवक्ता साक्ष्यों को संदेहजनक करने में नाकाम रहे।