सात साल की बच्ची से दुष्कर्म में आजीवन कारावास

जागरण संवाददाता इटावा सवा साल पूर्व सात साल की बालिका से दुष्कर्म के आरोपित को विशेष न्याय

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 07:26 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 07:27 PM (IST)
सात साल की बच्ची से दुष्कर्म में आजीवन कारावास
सात साल की बच्ची से दुष्कर्म में आजीवन कारावास

जागरण संवाददाता, इटावा : सवा साल पूर्व सात साल की बालिका से दुष्कर्म के आरोपित को विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट रामप्रताप सिंह राणा ने दोनों पक्षों को विस्तार से सुनने के पश्चात दोषी माना। इसके तहत उसे आजीवन कारावास तथा 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। इतने समय में निर्णय होने से कानूनी प्रक्रिया से जुड़े लोगों ने सराहना की। नारी उत्पीड़न करने वालों में कानून का भय व्याप्त हुआ। विशेष लोक अभियोजक पाक्सो एक्ट दशरथ सिंह चौहान ने बताया कि थाना बलरई में इसी क्षेत्र के गांव नगला ताल निवासी शिशुपाल पुत्र बालकिशन के खिलाफ 02 जुलाई 2020 को पाक्सो एक्ट तथा दुष्कर्म करने का अभियोग दर्ज कराया गया था। कहा गया था कि सात साल की बालिका उसी दिन अपराह्न के समय घर आई तो उसकी मां ने उसके कपड़े खराब देख पूछताछ की तो बालिका ने उपरोक्त नामजद पर जामुन के पेड़ की नीचे खेलते समय बहलाकर खेत में ले जाकर दुष्कर्म करने की बात कही। 112 हेल्पलाइन पर सूचना दी गई जिस पर पुलिस मौके पर आकर आरोपित को पकड़ा। गांव नाते आरोपित बालिका का रिश्ते में नाना लगता है। इसके बावजूद उसने यह घृणित कृत्य किया। बालिका का चिकित्सीय परीक्षण कराया गया था। पुलिस ने शीघ्रता से मामले की विवेचना करके शिशुपाल के खिलाफ आरोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया। आरोपित के अधिवक्ताओं ने साक्ष्यों को संदेहजनक करने का भरपूर प्रयास किया लेकिन कामयाब नहीं हो सके।

मामले में सराहनीय कार्य - पुलिस ने घटना के महज 13 दिन में 15 जुलाई 2020 को आरोपपत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया।

- विशेष न्यायाधीश ने करीब हर 15 के अंतराल पर 28 तारीखों में सभी को सुनकर निर्णय सुना दिया।

- बालिका के साथ चिकित्सक के बयान बने सजा के सबब - विवेचक ने कम समय में बेहतर साक्ष्य संकलन किए।

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