टैक्स कम करने पर ही बढ़ सकता है होजरी कारोबार
जागरण संवाददाता इटावा महंगाई के चलते अधिकांश युवा होजरी के वस्त्र अधिक पसंद कर रहे
जागरण संवाददाता, इटावा : महंगाई के चलते अधिकांश युवा होजरी के वस्त्र अधिक पसंद कर रहे हैं, लेकिन टैक्स एक समान न होने के कारण कारोबारियों को घाटा उठाना पड़ रहा है। इसका खामियाजा सरकार को भी हो रहा है। अगर इस बजट में सरकार टैक्स 12 फीसद की जगह 5 फीसद कर दे तो कारोबार को पंख लग सकते हैं।
हम दिल्ली से ही अधिकांश माल खरीद कर लाते हैं। अगर वह 900 रुपया तक का एक पीस बेचते हैं तो मात्र 5 फीसद टैक्स देना होता है और अगर इससे अधिक भाव में बेचते है तो 12 फीसद टैक्स देना होता है। इसीलिए हौजरी का कारोबार कम होता जा रहा है। - गोविद मिश्रा, हौजरी कारोबारी
हौजरी के सामान की मांग बराबर बढ़ती जा रही है। लोग भी रेडीमेड वस्त्रों की मांग कर रहे है लेकिन सरकार की नीतियां कारोबारी को फलीभूत नहीं होने दे रहीं हैं। सरकार को चाहिए की पूंजीपतियों की जगह किसानों के उत्पाद को बढ़ावा दें ताकि पैसा बाजार में नजर आये और कारोबार बढ़ सके। - आशु कुमार, शोरूम संचालक पक्की सराय
सरकार को आगामी बजट में टैक्स की दरें कम करनी चाहिए। हर युवा अब हौजरी को पसंद तो करता है। लेकिन टैक्स की अधिकता के कारण भाव अधिक हो रहे हैं। किसान के पास पैसा नही है जो खर्चा कर सके। किसान की उपज की दरें बढ़ानी चाहिए। इसका असर कारोबार पर दिखाई देगा। - रामौतार, पक्का तालाब के पास सरकार ने टैक्स की दो दरें करके कारोबारियों को नुकसान में पहुंचा दिया है। पहले 5 फीसद ही टैक्स था अब 12 फीसद कर दिया है। इससे बिक्री प्रभावित हो रही है। सरकार को चाहिए कि हौजरी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए टैक्स की दर एक ही 5 फीसद रखी जाए। शुभम, पक्का तालाब