स्वदेशी दीपकों से रोशन होंगे घर-द्वार
जागरण संवाददाता इटावा इस वर्ष दीपावली के अवसर पर आम लोग स्वदेशी तकनीक से तैयार दीपकों
जागरण संवाददाता, इटावा : इस वर्ष दीपावली के अवसर पर आम लोग स्वदेशी तकनीक से तैयार दीपकों से घरों को रोशन करने की तैयारी कर रहे हैं। कुम्हार मिट्टी महंगी होने के बाद भी दीपक तैयार करने में जुटे हुए हैं। हालत यह है कि मिट्टी के कारीगर रात दिन मेहनत करके चाक की रफ्तार को थमने नहीं दे रहे हैं।
मकसूदपुरा में मिट्टी का कारोबार करने वाले राम प्रकाश प्रजापति बताते हैं कि सरकार को प्रजापतियों के हित में भूसा के निर्यात पर रोक लगानी चाहिए। ताकि कुम्हार समाज का कारोबार चलता रहे।
इसी प्रकार ब्रजमोहन का कहना है कि अगर सरकार ने साथ दिया तो यह समाज भी आगे बढ़ सकता है। दीपावली के लिए दीपों का भरपूर स्टाक कर लिया है। जिसकी बिक्री भी शुरु हो गई है। उनका कहना है कि कुछ संपन्न परिवार डिजाइन किये गये दीपकों की मांग करते हैं इसलिए उनको बाहर से मंगा कर दिया जा रहा है। धर्मेंद्र प्रजापति ने बताया कि गणेश लक्ष्मी की मूर्ति की डिमांड बाजार में काफी है। यह मूर्ति बाहर से लाई जाती है और उसको रंगों से तैयार करके बाजार में सप्लाई की जा रही है। इस बार अच्छी बिक्री होने की संभावना है। राजेश प्रजापति ने बताया कि इस वर्ष मिट्टी के दीपकों की मांग अधिक होने लगी है। भाव एक नजर में
दीपक छोटा - 600 रुपया प्रति हजार
दीपक बड़ा - 1200 रुपया प्रति हजार
चौकड़ा - 15 रुपया प्रति नग
डिजाइनर दीपक - 25 से 40 रुपया दर्जन
बर्तन की खरीददारी को सजा बाजार
दीपावली को लेकर इस समय बाजार में जमकर भीड़ उमड़ रही है। त्योहार पर धनतेरस का बड़ा ही महत्व होता है। इसको लेकर लोग अपनी सामर्थ के अनुसार सोने, चांदी के साथ स्टील के बर्तनों की खरीद करते हैं। सिधी बाजार में स्टील के बर्तन का कारोबार करने वाले शिव कुमार बताते हैं कि इस वर्ष दीपावली पर लोग शगुन के लिए बर्तन की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। बर्तन के भाव एक नजर में स्टील की कटोरी - 18 रुपया पीस ग्लास - 20 रुपया पीस लोटा - 50 रुपया नग चांदी की पूजा प्लेट - 2 हजार