आठ किमी की दूरी में हाईवे बना हादसों का सबब

केस नंबर एक ग्वालियर-बरेली हाईवे पर जिला मुख्यालय से उदी की ओर नगला गौर के पास तीन से

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 04:14 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 04:14 PM (IST)
आठ किमी की दूरी में हाईवे बना हादसों का सबब
आठ किमी की दूरी में हाईवे बना हादसों का सबब

केस नंबर एक

ग्वालियर-बरेली हाईवे पर जिला मुख्यालय से उदी की ओर नगला गौर के पास तीन से चार फीट गहरे गड्ढों में रोजाना दो पहिया वाहन सवार गिरकर चोटिल हो रहे हैं। बारिश होने पर हालात बद से बदतर हो जाते हैं। इस हाईवे पर खनन से ओवरलोड भारी वाहनों का बेतहाशा आवागमन होने से ट्राला ट्रक तक यहां फंसकर टूटफूट के शिकार हो रहे हैं।

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केस नंबर दो

हाईवे पर उदी पुलिस चौकी के सामने इस कदर गहरा गड्ढा है कि अब पुलिस को वाहन चेकिग के लिए बैरियर नहीं लगाना पड़ रहा है। गड्ढे के चलते हर प्रकार वाहन पुलिस चौकी को सलाम करके ही पास हो रहे हैं। बीते माह से बदतर हालात बने हुए हैं, कई आटो सवारियों सहित इस गड्ढे में गिर चुके हैं। यह गड्ढा पार करना किसी मुसीबत से कम नहीं है।

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राजेंद्र भदौरिया, उदी (इटावा) :

लगातार बारिश से बढ़पुरा पारपट्टी क्षेत्र के अधिकांश मार्गों की सूरत बिगाड़ गई है लोगों का आवागमन मुश्किलजदा बना हुआ है, राष्ट्रीय राजमार्ग 92 ग्वालियर-बरेली हाईवे की हालत ज्यादा बद से बदतर हो गई है। कई जगह तीन से चार फीट गहराई के गड्ढों में तब्दील इस हाईवे पर आवागमन करना जान जोखिम में डालना साबित हो रहा है। यमुना नदी पुल से चंबल नदी तक आठ किमी की दूरी में यह हाईवे हादसों का सबब बना हुआ है। आए दिन हादसे होने के बावजूद इस मार्ग की मरम्मत तक नहीं की जा रही है, यह हालात उस क्षेत्र के हैं जो सदर विधायक सरिता भदौरिया की ससुराली क्षेत्र के नाम से जाना जाता है।

इस क्षेत्र के लोगों को इटावा शहर की नुमाइश में खेल-तमाशे में मौत के कुंआ में मोटर साइकिल दौड़ाए जाने के करतब देखने को मिलते थे। इसके लिए लोगों को जेब ढीली करनी पड़ती थी। अब बीते एक माह से यह करतब मुफ्त में उपरोक्त दूरी में देखने को मिल रहे हैं फर्क इतना है कि नुमाइश में लोग खुश होकर कलाकार की सराहना करते हुए तालियां बजाते थे इस क्षेत्र में दुख व्यक्त करना पड़ रहा है कारण यहां कोई कलाकार नहीं है आम लोग हैं जिन्हें विवशता के तहत इस हाईवे पर रोजाना आवागमन करना पड़ रहा है। उपरोक्त दो उदाहरण तो बानगी भर हैं, इस हाईवे पर यमुना नदी पुल पार करते ही गड्ढो में सफर करना पड़ रहा है। नगला गौर, कामेत, उदी पुलिस चौकी तथा उदी गांव से चंबल नदी पुल तक हालात काफी बदतर हैं।

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मरम्मत के नाम पर महज खानापूर्ति

सपा सरकार के दौरान लाइन सफारी क्षेत्र से जुड़ने वाले सभी मार्ग फोरलेन में परिवर्तित कराने की कवायद की गई थी इसके तहत इटावा-मैनपुरी पूरा जबकि इस हाईवे पर एसएसपी चौराहा से यमुना नदी पुल के पास सुनवारा तक फोरलेन का निर्माण कराया गया। उस समय इस दूरी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया लेकिन अभी तक स्वीकृत नहीं हुआ। तभी से इस मार्ग पर गड्ढे भरने के लिए मरम्मत कार्य यानी पेच वर्क कराया जाता है जो महज खानापूर्ति साबित होता है। जरा सी देर की बारिश में फिर से गड्ढे हो जाते हैं।

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विधायक ने कई बार किए प्रयास

सदर विधायक सरिता भदौरिया ने इस हाईवे को फोरलेन में परिवर्तित कराने के लिए कई बार केंद्रीय भूतल एवं सड़क मंत्री नितिन गडकरी से संपर्क किया। उन्होंने जल्द इस पर निर्माण कार्य शुरू कराने आश्वासन भी दिया लेकिन धरातल पर हालात अभी बदहाल ही बने हुए हैं।

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यमुना नदी पुल से चंबल नदी पुल उत्तर प्रदेश की सीमा तक इस हाईवे को फोरलेन में परिवर्तित कराने का प्रस्ताव फिर से मुख्यालय को प्रेषित किया गया जिसके जल्द स्वीकृत होने की पूरी संभावना है। गड्ढों को समतलीकरण कराने का कार्य जल्द शुरू होगा, इसके लिए धन स्वीकृत हो गया है।

- एनएच ठाकुर, अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग

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