जीका वायरस को लेकर अलर्ट मोड में स्वास्थ्य विभाग
ओम प्रकाश बाथम इटावा जिले के नागरिकों को अभी वायरल व डेंगू की मार से निजात भी नहीं ि
ओम प्रकाश बाथम, इटावा :
जिले के नागरिकों को अभी वायरल व डेंगू की मार से निजात भी नहीं मिल पाई थी कि जीका का डंक लोगों को सताने लगा। मंडल के कन्नौज जनपद में जीका वायरस का पहला मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों को सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं। फिलहाल जनपद जीका के डंक से बचा हुआ है। लोगों को सावधानी बरतनी होगी।
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. भगवानदास का कहना है कि डेंगू की तर्ज पर ही जीका वायरस फैलता है। इसकी जांच अभी लखनऊ में ही संभव है। जरा सी असावधानी से लोग जीका की चपेट में आ सकते हैं। हम सबको इससे बचने के भरसक प्रयास करने होंगे।
----
मेडिकल यूनिवर्सिटी जांच शुरू करेगी
उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विवि सैफई के चिकित्साधीक्षक डा. आदेश कुमार ने बताया कि जीका वायरस को लेकर वे सतर्क हैं। जल्द ही इसकी जांच यूनिवर्सिटी में शुरू की जाएगी। अभी इसकी जांच लखनऊ में होती है। सोमवार को यूनिवर्सिटी में होने वाली बैठक में यह फैसला कर लिया जाएगा और यहां पर इसकी जांच शुरू कर दी जाएगी। साथ ही इससे पीड़ित लोगों का इलाज भी हो सकेगा।
---------
क्या है जीका वायरस
उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के वरिष्ठ फिजीशियन व डेंगू वार्ड प्रभारी डा. रमाकांत रावत ने बताया कि जीका वायरस डेंगू के वायरस की तरह ही है। यह एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। इसमें आंख लाल हो जाती है लेकिन ज्यादा तेज बुखार नहीं आता है। इलाज के बाद मरीज ठीक हो जाता है। गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरी है।
----------
जीका के लक्षण
- सिर दर्द व बुखार का होना
- जोड़ों में दर्द व सूजन
- आंखों का लाल होना
- त्वचा पर लाल चकत्ते उभरना
---------
कैसे करें बचाव
- जीका का मच्छर रुके हुए साफ पानी में पनपता है। यह ध्यान रहे कि आपके आसपास तथा कूलर, फ्रिज, पानी की टंकी, टायर आदि में पानी न भरा रहे।
- पानी से भरे हुए बर्तनों को ढक कर रखे।
- कूलर को साफ रखें, ऐसे कपड़े पहने जो बदन को पूरी तरह से ढक सके।
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
-----------
क्या न करें
- घर के आसपास तथा छत पर रखे बर्तनों में पानी एकत्र न होने दें।
- घर के आस-पास गंदगी एकत्र न होने दे।
- रोगी को जालीदार कमरे में ही रखें।
- बुखार के रोगी को खाली पेट व बिना जांच के दवा न दें।
--------
जनपद अभी जीका वायरस से बचा हुआ है। जनजागरण की दृष्टि से हर आम नागरिक को बचाव के उपाय स्वयं करने होंगे। जीका की जांच अभी यहां संभव नहीं है इसलिए बचाव को ही सबसे बड़ा उपचार बताया गया है।
डा. भगवानदास, सीएमओ