समितियों पर खाद आई, फिर भी मायूसी छाई

संवाद सहयोगी भरथना भरथना नगर व देहात क्षेत्र में संचालित किसान सेवा सहकारी समिति व सहकार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 07:48 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 07:48 PM (IST)
समितियों पर खाद आई, फिर भी मायूसी छाई
समितियों पर खाद आई, फिर भी मायूसी छाई

संवाद सहयोगी, भरथना : भरथना नगर व देहात क्षेत्र में संचालित किसान सेवा सहकारी समिति व सहकारी संघों पर डीएपी की बोरियां तो आ गई हैं, लेकिन किसानों को उनकी मांग के अनुसार डीएपी न मिल पाने से उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ता है। इससे समय पर फसलों की बोआई नहीं हो पा रही है। किसान प्राइवेट दुकानदारों से डीएपी खाद को कम तथा सरकारी केंद्रों से विश्वास की वजह से ज्यादा खरीद करते हैं। आवश्यकता अनुसार डीएपी न मिलने से किसानों को गैर जनपदों तक भटकना पड़ रहा है। मोहल्ला बालूगंज स्थित सहकारी संघ क्रय-विक्रय तथा ऊमरसेडा स्थित किसान सेवा सहकारी समिति पर खाद लेने आए किसानों ने अपनी समस्याओं के बारे में विस्तार से बताया। ग्राम रमायन निवासी किसान रामप्रसाद मिश्रा ने बताया कि उनकी लगभग 40 बीघा खेती है। उन्हें आलू की फसल बोने के लिए 10 बोरी डीएपी खाद की आवश्यकता है। लेकिन क्रय केंद्र पर उन्हें केवल दो ही बोरी खाद मिल रही है। ग्राम मोढ़ी निवासी राम सिंह का कहना है कि उनकी और भाई की लगभग 30 बीघा खेती है, जिसमें कुछ हिस्सों में वह आलू की फसल करते हैं। वह डीएपी खाद कुछ किलो लेने आए हैं लेकिन यहां पर पूरी बोरी मिलने से उन्हें आर्थिक हानि हो रही है। क्योंकि बाजार में भी डीएपी उपलब्ध न होने की वजह से सरकारी क्रय केंद्र खाद लेने के लिए आए हैं। ग्राम चंदेठी के सतीश का कहना है कि उन्हें अपनी तीस बीघा खेती में आलू रखना है और उन्हें छह बोरी डीएपी खाद की आवश्यकता है। लेकिन केंद्र पर दो ही बोरी मिल रही है, जिससे उनकी फसल का समय निकल रहा है। प्राइवेट डीएपी बोरी न मिलने की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम रमायन के अनूप दीक्षित का कहना है कि उनके पिता के पास लगभग 80 बीघा खेती है। उन्हें आलू और टमाटर की फसल बोने के लिए डीएपी की आवश्यकता है। पर्याप्त बोरियां न मिलने की वजह से दिक्कत हो रही है। क्रय विक्रय समिति केंद्र प्रभारी लखन किशोर दुबे तथा ग्राम ऊमरसेडा स्थित किसान सेवा सहकारी समिति प्रभारी सुरजीत सिंह का कहना है कि हम लोगों के पास 300-300 बोरी डीएपी खाद आई है, जिन्हें आधार कार्ड खतौनी तथा मोबाइल नंबर देखकर किसानों को दो-दो बोरी दी जा रही है, जिससे अधिक से अधिक किसानों तक डीएपी खाद पहुंच सके।

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