नर्स दिवस दो---सेवा व ममता की डगर पर बखूबी निभा रहीं फर्ज

वीपी सिंह सैफई एक महिला कभी मां होने का फर्ज निभाती है तो कभी पत्नी तो कभी बहन का। य

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 04:18 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 07:08 PM (IST)
नर्स दिवस दो---सेवा व ममता की डगर पर बखूबी निभा रहीं फर्ज
नर्स दिवस दो---सेवा व ममता की डगर पर बखूबी निभा रहीं फर्ज

वीपी सिंह, सैफई एक महिला कभी मां होने का फर्ज निभाती है तो कभी पत्नी, तो कभी बहन का। यदि वह कामकाजी हो तो उसके कार्यक्षेत्र के साथ-साथ उत्तरदायित्व भी बढ़ जाता है, लेकिन वह हालातों से हार नहीं मानती, उनका डटकर सामना करती है। अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में कार्यरत ऐसी ही महिलाओं से रूबरू करा रहे हैं जो एक तरफ मां की ममता तो दूसरी ओर वैश्विक महामारी के दौरान ड्यूटी का फर्ज निभा रही हैं। केरल की लीना वर्घेसे सात साल से स्टाफ नर्स के पद पर सेवाएं दे रही हैं। इन दिनों लीना कोविड के आईसीयू वार्ड में कोरोना से संक्रमित मरीजों की देखभाल कर रही हैं। इस मुश्किल वक्त में वह सिर्फ अपनी ड्यूटी नहीं निभा रहीं बल्कि अपने दो साल के बेटे की पूरी देखभाल भी कर रही हैं। लीना वर्घेसे बताती हैं कि पिछले सात साल में बीता हुआ सवा साल उनके लिए सबसे मुश्किल साबित हुआ है। पिछले साल जब कोरोना ने दस्तक दी तो बेटा बहुत छोटा था और उनकी ड्यूटी कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल करने में लग गई। इस साल हालात और भी भयावह हो गए फिर भी कोविड वार्ड में मजबूती से डटी हैं। वह खुद संक्रमित हो गई थीं, इसके बावजूद पीपीई किट पहनकर वार्ड में ड्यूटी की है। कुशीनगर की तनुश्री पांडेय कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रही हैं। संक्रमित होने के बाद जब निगेटिव रिपोर्ट आई तो फिर से ड्यूटी करने लगी हैं। पति गोरखपुर में रहते हैं। एक बेटा है, उसको घर पर ही छोड़ दिया। ड्यूटी करके कमरे पर पहुंच कर बच्चे से और अन्य स्वजन से वीडियो कॉल करके मन को समझा लेती हैं। उषा भारद्वाज कहती हैं कि पहले फर्ज निभाने के लिए तीन वर्ष के बेटे को पति के पास गाजियाबाद में छोड़कर विश्वविद्यालय में पिछले दिनों होल्डिग एरिया में ड्यूटी के दौरान संक्रमित हो गई थीं। पर ²ढ़ इच्छाशक्ति और सकारात्मक सोच से कोरोना को हरा दिया और फिर से काम पर लौट आयी हैं। स्टाफ नर्स रेखा यादव बताती हैं कि उनके पति राजस्व निरीक्षक हैं, जो कानपुर में तैनात हैं। सास-ससुर वृद्ध हैं। घर में चार साल की बेटी है, जिसकी देखरेख करने के लिए और कोई नहीं है। वह 11 जनवरी से वैक्सीनेशन के ट्रायल शुरू होने से अब तक लगातार वैक्सीनेशन में ही ड्यूटी कर रही हैं। ड्यूटी खत्म होने के बाद बेटी की देखरेख करती हैं। पंजाब की परमजीत कौर के पति मिलिट्री में हैं। विश्वविद्यालय में वह एक बेटे के साथ रहती हैं, जिसकी देखरेख करने के साथ ड्यूटी भी करती हैं। कोविड वार्ड में ड्यूटी के दौरान संक्रमित भी हो गई थी, रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद फिर से सेवारत हैं। संकट में ड्यूटी से मुंह नहीं मोड़ सकती। वह सभी सावधानियों के साथ हर दिन अस्पताल और घर की जिम्मेदारियों में तालमेल बैठाती हैं। कहती हैं, कर्म ही सबसे बड़ी पूजा है। इसलिए फर्ज को निभाते हुए बेटे की उचित देखभाल की हर संभव कोशिश करती हैं।

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