नहर में पानी नहीं आने से किसान परेशान
मोहम्मद आसिफ जसवंतनगर भोगनीपुर प्रखंड निचली गंग नहर करीब 45 दिन से पानी विहीन है। नह
मोहम्मद आसिफ जसवंतनगर भोगनीपुर प्रखंड निचली गंग नहर करीब 45 दिन से पानी विहीन है। नहर में पानी न आने से रबी की फसल की बोआई पूरी तरह बाधित हो रही है। क्षेत्र के 60 से ज्यादा गांवों के किसान नहर के पानी की सिचाई पर आश्रित हैं जो बुरी तरह परेशान हैं। साधन संपन्न किसान नलकूपों से महंगे दर पर पानी खरीदकर सिचाई करा रहे हैं जबकि गरीब तबका का किसान नहर की ओर ताक रहा है।
यह नहर 30 किमी की दूरी में जसवंतनगर क्षेत्र दिसंबर के अंतिम सप्ताह में पानी आने की संभावना से होकर गुजरती है। क्षेत्र के सैकडों किसान सिचाई के लिए नहर पर निर्भर रहते हैं। नहर के आसपास काफी जमीन ऐसी है, जहां पर किसानों ने नलकूप या अन्य संसाधन की व्यवस्था नहीं की है। 15 अक्तूबर से रबी सीजन की शुरूआत हो चुकी है। चना, मटर, राई, सरसों की बोआई का काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा नकद आमदनी की खेती आलू की बोवाई भी नहर पोषित कृषि जमीनों पर किसानों द्वारा की गई है। गन्ना की खेती को भी सिचाई की जरूरत है। अक्टूबर के आखिरी सप्ताह से से गेहूं की बोवाई का काम भी किसानों ने शुरू कर दिया है। ऐसे में नहर में पानी न आने से किसान परेवट करने को परेशान हैं।
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किसान बोले गांव नगला रामसुंदर के किसान अन्नू सिंह ने बताया कि गेहूं की बोवाई का समय है। पलेवा के लिए पानी की जरूरत है। नहर में पानी नहीं है, जरूरत के समय कभी भी नहरों में पानी नहीं होता है। अधिकारियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। राजपुर के किसान शैलेंद्र कुमार व सौरभ जाटव का कहना है कि पिछले वर्ष भी पलेवा के समय निजी नलकूपों से महंगी दरों पर सिचाई करनी पड़ी थी। कहने को सिचाई बंधु की बैठक हर माह होती है लेकिन इसमें सिर्फ औपचारिकता निभाई जाती है। निचली गंग नहर में क्लोजर चल रहा है। इसमें सिल्ट-सफाई तथा टूट-फूट की मरम्मत आदि के काम होने हैं। दिसंबर के तीसरे सप्ताह में पानी आने की संभावना है।
- शोहेब उस्मानी, अवर अभियंता