सरसों उत्पादन की तरफ कदम बढ़ा रहे किसान

संवादसूत्र बकेवर सरसों के भाव में तेजी होने के चलते इस साल समूचे क्षेत्र में सरसों की बोआई

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 06:20 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 06:29 PM (IST)
सरसों उत्पादन की तरफ कदम बढ़ा रहे किसान
सरसों उत्पादन की तरफ कदम बढ़ा रहे किसान

संवादसूत्र बकेवर : सरसों के भाव में तेजी होने के चलते इस साल समूचे क्षेत्र में सरसों की बोआई इस साल काफी ज्यादा होगी। समूचे क्षेत्र में सरसों का रकबा बीते वर्ष की तुलना में काफी अधिक होगा। किसान राजाराम, मनोज कुमार कहते हैं तिलहन के इतिहास में अब तक सरसों-लाही के भाव में कभी भी इतना उछाल नहीं आया पहली बार लाही का भाव दोगुने से भी अधिक पहुंचने से किसान अब लाही की खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। समूचे क्षेत्र में कई किसानों ने इस साल लाही बोने को खेतों को खाली करके छोड़ रखा है। पिछली बार सरसों की फसल उठने के समय सरसों का भाव चार सौ से 45 सौ के बीच रहा था जो उछाल मारते हुए पांच से छह हजार के जा पहुंचा था और इस समय सरसों का भाव 7800 से आठ हजार रुपये प्रति क्विटल के बीच चल रहा है पिछले दिनों सरकार द्वारा सरसों के समर्थन मूल्य में चार सौ रुपए की वृद्धि करने के बाद जहां सरकारी मूल्य पांच हजार रुपये प्रति क्विटल हो गया है। मंडी में सरसों का भाव आठ हजार के करीब चल रहा है। इसके चलते सरसों की फसल में अब अच्छा मुनाफा की संभावना देख सैकड़ों किसान इस ओर कदम बढ़ा रहे हैं। लागत कम मुनाफा ज्यादा कई किसानों का मानना है कि वर्तमान दौर में आलू और गेहूं की फसल की लागत बहुत है और मुनाफा कम है। बीते साल सरसों-लाही की फसल में लागत में कम लगी और मुनाफा भरपूर ज्यादा मिला। इससे किसान इस ओर अग्रसर हो रहे हैं। वन डिस्ट्रिक वन प्रोजेक्ट में सरसों प्रदेश सरकार की ओडीओपी योजना वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोजेक्ट में जनपद को सरसों के तेल के उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए चयनित किया गया है। जिला उद्यान अधिकारी डा. सुनील कुमार ने बताया जनपद के लिए 27 सरसों आधारित सूक्ष्म उद्योग हैं तथा 62 पुरानी इकाइयों के उन्नयन के लिए है इसमें परियोजना तैयार करने के लिए नौ जनपद रिसोर्स पर्सन रखे हैं जो परियोजना तैयार करेंगे। अभी इस योजना के तहत किसी को लाभांवित नही किया गया है। अभी तक 11 आवेदन आए हैं अगर कोई सरसों के तेल का उद्योग स्पेलर आदि लगाना चाहता है तो उसे दस लाख तक का ऋण दिया जाएगा। जिसमें से 35 फीसदी की छूट मिलेगी। अभी सरसों के उत्पादन का लक्ष्य 16 हजार 365 हेक्टेयर का मिला है जबकि बीते साल लक्ष्य 17 हजार हेक्टेयर के सापेक्ष में 13.50 हेक्टेयर में उत्पादन किया गया। अच्छा भाव होने कारण इस बार अधिक संख्या में किसान सरसों-लाही की बोआई ज्यादा क्षेत्रफल में कर सकता है।

अभिनंदन सिंह

उप कृषि निदेशक प्रसार

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