खाद पाने को समिति के चक्कर लगा रहे किसान

संवादसूत्र बसरेहर सहकारी समिति पर डीएपी खाद ना होने के कारण गोदाम खाली है। दूसरी ओ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 06:07 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 06:07 PM (IST)
खाद पाने को समिति के चक्कर लगा रहे किसान
खाद पाने को समिति के चक्कर लगा रहे किसान

संवादसूत्र, बसरेहर : सहकारी समिति पर डीएपी खाद ना होने के कारण गोदाम खाली है। दूसरी ओ किसान खेतों में आलू-लहसुन व अन्य फसलें तैयार करने के लिए डीएपी खाद पाने को समिति के चक्कर लगा रहे है लेकिन खाद की उपलब्धता न होने से किसान निराश होकर वापस लौट रहे हैं। काफी अर्से बाद इस क्षेत्र के किसान खाद के लिए परेशान हो रहे हैं। अधिकतर किसान सहकारी समिति से खाद-बीज लेकर फसलों का उत्पादन करते हैं। एक ओर मौसम की मार से किसान बेहाल हैं, बारिश से बाजरा और धान की फसल काफी प्रभावित हुई है। दूसरी ओर समिति से खाद नहीं मिलने पर फसलों की बोआई काफी लेट हो रही है। इस दोहरी मार से अधिकांश किसान दीपावली पर्व की खुशियां मनाने के बजाए अपनी बर्बादी पर आंसू बहाते नजर आएंगे। समिति के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यालय पर चेक लगा हुआ है लेकिन अभी तक डीएपी की उपलब्धता नहीं होने के कारण गोदाम खाली हैं शुक्रवार की शाम तक डीएपी खाद आने की बात कही गई है जैसे ही डीएपी आएगी किसानों को वितरण करना शुरू कर दिया जाएगा। जरूरत पांच की मिल रहीं दो अधिकतर किसानों का कहना है कि इस क्षेत्र में एक एकड़ भूमि में पांच बोरी डीएपी खाद लगाई जाती है तब फसल का उत्पादन सही मिलता है। खाद की कमी के चलते एक एकड़ पर एक या दो बोरी खाद देने का नियम बना दिया गया है। इससे उत्पादन कम होने की आशंका भी सता रही है। किसानों ने व्यक्त किया दर्द गांव मोहब्बतपुर के किसान लाखन सिंह राजपूत ने बताया कि उनके परिवार का भरण पोषण तीन बीघा खेती से ही होता है जिसमें उन्होंने कहा कि डीएपी ना आने के कारण फसल लेट होती जा रही है और जिसकी वजह से हम लोग आलू की बोआई नहीं कर पा रहे हैं। गांव वमनपुरा के किसान होशियार सिंह ने बताया कि उनकी दो एकड़ खेतिहर भूमि है और वह आलू और लहसुन की फसल करने के लिए डीएपी खाद पाने के लिए लगातार एक सप्ताह से चक्कर लगा रहे हैं लेकिन अभी तक डीएपी नहीं मिली। खाद पर्याप्त होने के दावे हवाई साबित हो रहे हैं। गांव मोहब्बतपुर के किसान रमन राजपूत ने बताया कि समिति पर लगातार चक्कर लगा रहे हैं लेकिन डीएपी खाद नहीं मिल रही है। बारिश से बाजरा और सब्जियों की फसल बर्बाद हो गई। अब खाद न मिलने से दोहरी बर्बादी हो रही है, बच्चों के साथ दीपावली मनाना मुश्किल है।

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