खाद की किल्लत के बीच कट रही किसान की जेब

संवादसूत्र बकेवर किसान सेवा सहकारी समिति व सहकारी संघों पर डीएपी खाद की किल्लत के बा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 06:56 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 07:04 PM (IST)
खाद की किल्लत के बीच कट रही किसान की जेब
खाद की किल्लत के बीच कट रही किसान की जेब

संवादसूत्र, बकेवर : किसान सेवा सहकारी समिति व सहकारी संघों पर डीएपी खाद की किल्लत के बाद अब लखना बाजार में खाद व बीज की अधिकांश दुकानों पर भी खाद उपलब्ध नहीं है। जिन पर है, वह किसानों से मनमाने दाम वसूल रहे हैं अथवा साथ में सल्फर व सरसों का बीज भी लेने का दबाव बना रहे हैं। किसान आलू व सरसों की बोआई करने में जुटे हुए हैं। अबकी बार सरसों की रकबा बढ़ने की उम्मीद है। इसके लिए डीएपी खाद की आवश्यकता पड़ रही है। लखना किसान सेवा समिति कई वर्षों से बंद है, तो किसानों को बकेवर समिति पर खाद के लिए दौड़ लगानी पड़ती है। वहां पर खाद आते ही खत्म हो जाती है। ऐसी स्थिति में किसानों को खाद बीज की दुकान का रुख करने की मजबूरी होती है। लखना में कुछ दुकानों पर ही डीएपी उपलब्ध है, वहां मनमाने दामों पर बिक्री हो रही है। बाईपास रोड स्थित एक दुकान पर डीएपी उपलब्ध नहीं है, वहीं नया नहर पुल पार एक दुकान पर व न्यू दीक्षितान मुहाल में रजबहा किनारे एक दुकान पर डीएपी उपलब्ध है। यहां किसानों को सल्फर व सरसों बीज लेने पर ही डीएपी दे जाती है। अन्यथा 1300 रुपये प्रति बोरी खरीदनी पड़ती है। किसान तेजबहादुर सिंह राठौर व रामवीर सिंह बताते हैं कि जब से लखना समिति बंद हुई, तब से वे बाजार से ही डीएपी व यूरिया खाद खरीदते हैं। अबकी बार डीएपी की किल्लत होने के चलते बहुत परेशानी हो रही है। सरसों की बोआई नहीं हो पा रही है। आलू व्यापारी चंद्रशेखर कुशवाहा बताते हैं कि डीएपी खाद की किल्लत के चलते आलू की बोआई नहीं हो पा रही है। बाजार में तो मनमाने दाम या फिर अन्य बीज व सल्फर के खरीदने पर ही डीएपी दी जा रही है। जब कि बोआई आलू की करनी है। 'प्राइवेट दुकानों पर डीएपी खाद की बोरी की दर 1200 रुपये है, जिसमें उनका कमीशन व परिवहन भी जुड़ा हुआ है। अगर इससे ज्यादा बिक्री हो रही है, तो शीघ्र छापा मार अभियान चलाकर कार्रवाई होगी।' अभिनंदन सिंह, जिला कृषि अधिकारी 2700 मीट्रिक टन खाद पहुंची उपनिदेशक कृषि अभिनंदन सिंह ने बताया कि जनपद में खाद की कोई कमी नहीं है। 2700 मीट्रिक टन खाद रेलवे की रैक प्वाइंट पर मंगलवार को उतरी है। जिसमें 1200 मीट्रिक टन इटावा जनपद के लिए आवंटन हुआ है जबकि 1500 मीट्रिक टन औरैया जनपद को आवंटन हुआ है। समस्या सहकारी समितियों का पैसा देर से जमा होने पर आ रही है जिसकी वजह से एक दो दिन देरी हो जाती है। किसानों के खेत जल्दी तैयार हो गए हैं। जिसकी वजह से खाद की जरूरत बढ़ गई। जनपद में सहकारी समितियों व निजी दुकानों पर 56000 डीएपी बैग पहले से ही स्टाक में हैं।

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