अनिवार्य हालमार्क कानून वाले 256 जिलों की सूची से इटावा हुआ बाहर

जागरण संवाददाता इटावा अनिवार्य हालमार्क कानून वाले 256 जिलों की सूची से इटावा फिलहाल बाह

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 05:11 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 05:35 PM (IST)
अनिवार्य हालमार्क कानून वाले 256 
जिलों की सूची से इटावा हुआ बाहर
अनिवार्य हालमार्क कानून वाले 256 जिलों की सूची से इटावा हुआ बाहर

जागरण संवाददाता, इटावा :

अनिवार्य हालमार्क कानून वाले 256 जिलों की सूची से इटावा फिलहाल बाहर है अथवा दूसरे शब्दों में कहें तो जनपद इस कैटेगरी में स्वैच्छिक हो गया है। लेकिन जागरूक ज्वैलर्स इन नियमों को लेकर खासे उत्साहित हैं एवं भारतीय मानक ब्यूरो की इस पहल का स्वागत कर रहे हैं। यह जानकारी इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के इटावा इकाई के सचिव राजीव चंदेल ने दी।

बताया कि हालमार्क ज्वैलरी की बिक्री के लिए स्वेच्छा से बीआइएस में पंजीकृत सराफा कारोबारियों का कहना है कि इससे व्यापार में पारदर्शी व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। हालमार्क कानून के तहत सोने के गहनों में सही शुद्धता और मूल्य के आधार पर उपभोक्ताओं के हित में भारतीय मानक ब्यूरो के द्वारा किये गए अनिवार्य हालमार्क ज्वैलरी की बिक्री के संबंध में अब तीन कैटेगरी को और शामिल किया गया है।

अब ग्राहकों को अपने ज्वैलर्स से मिलने वाले गहनों में 14 कैरेट, 18 कैरेट, 20 कैरेट, 22 कैरेट, 23 कैरेट एवं 24 कैरेट की ज्वैलरी सहित कुल छह प्रकार की कैटेगरी में शुद्धता और मूल्य की ज्वैलरी मिल सकेगी। अलग-अलग कैरेट में सोने की शुद्धता के हिसाब से ही ज्वैलरी के गोल्ड रेट निर्धारित होंगे। सबसे कम सोने की शुद्धता वाले 14 कैरेट सोने के गहनों के रेट सबसे कम होंगे और सबसे अधिक सोने की शुद्धता वाले 24 कैरेट शुद्धता के गहनों के रेट सबसे अधिक होंगे। यानि कुल मिलाकर अब इन छह कैटेगरी में सोने के भाव होंगे। जिसका साफ मतलब है गहनों में हालमार्क द्वारा प्रमाणित शुद्धता एवं उस कैरेट के बाजार भाव के आधार पर कोई भी ग्राहक अलग से केवल मेकिग चार्ज देकर किसी भी हालमार्क ज्वैलर्स से गहनों की खरीदारी कर सकता है और पूरे देश में कहीं भी किसी भी हालमार्क ज्वैलर्स को बेच या बदलकर पूरी कीमत अथवा गहने ले सकता है। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से उपभोक्ता व ग्राहकों के हित में बने इस कानून का अधिकारिक लाभ लेने के लिए ग्राहक को केवल तीन फीसद जीएसटी देकर पक्का बिल के साथ गहने खरीदने होंगे।

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