कोरोना काल में पीपीई किट बनाकर युवाओं को दिया रोजगार

जागरण संवाददाता इटावा भरथना कस्बे के रहने वाले डॉ. प्रशांत शर्मा व उनका इंजीनियर भाई

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 06:54 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 06:54 PM (IST)
कोरोना काल में पीपीई किट बनाकर युवाओं को दिया रोजगार
कोरोना काल में पीपीई किट बनाकर युवाओं को दिया रोजगार

जागरण संवाददाता, इटावा: भरथना कस्बे के रहने वाले डॉ. प्रशांत शर्मा व उनका इंजीनियर भाई आशीष शर्मा नौकरी छोड़कर कोरोना काल में पीपीई किट बनाने में जुट गए। शहर के कबीरगंज मोहल्ले में इन्होंने इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया और देश भर के अस्पतालों से संपर्क साधकर इसकी सप्लाई करना शुरू की। पीपीई किट बनाने वाले डॉ. प्रशांत शर्मा चंडीगढ़ पीजीआइ में डॉक्टर थे। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए उन्होंने अपने जनपद में खुद का व्यवसाय करने की ठानी और पीपीई किट की मांग को देखते हुए इसका उत्पादन शुरू कर दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने इस कारोबार में शहर के अनेक युवाओं को जोड़ा। कोरोना काल में रोजगार पाकर युवाओं में अपार खुशी थी।

एसडीएम की प्रेरणा से किया कारोबार शुरू

डॉ. प्रशांत शर्मा बताते हैं कि कोरोना काल में वे इटावा आ गए थे। उनके सामने मेडिकल लाइन से जुड़ा कोई काम करने का आइडिया दिमाग में नहीं आ रहा था। एसडीएम सदर सिद्धार्थ से उनकी मुलाकात हुई। उन्होंने आइडिया दिया कि पीपीई किट की इस समय बहुत डिमांड है और इस क्षेत्र में काम करना शुरू कर दो। उन्होंने शहर के मोहल्ला कबीरगंज में अपना आफिस खोला और उसके बाद शिवम टाकीज के पीछे एक मकान किराए पर लेकर पीपीई किट का निर्माण करना शुरू कर दिया। इस कार्य में सिलाई का हुनर रखने वाले लोग चाहिए थे। इसके लिए उन्होंने मोहल्ले के ही युवाओं से संपर्क किया और उन्हें एक दर्जन ऐसे काम करने वाले मिल गए। उन्हीं के दम पर उन्होंने पीपीई किट बनाना शुरू कर दिया और सैंपल सप्लाई जिला प्रशासन को दी। उनका आंध्र प्रदेश में अपने डॉक्टर दोस्तों से भी संपर्क था वहां पर भी पीपीई किट की आपूर्ति की गई। उसके बाद उन्होंने कानपुर में संपर्क साधा और कुछ मेडिकल संस्थानों में सप्लाई करना शुरू कर दिया। उनके इस कार्य में उनके भाई आशीष शर्मा ने भरपूर सहयोग दिया। वे भी कोरोना काल में अपनी नौकरी छोड़कर आए थे।

डॉ. प्रशांत का कहना है कि कोरोना काल में इस कार्य को करने से उन्हें सुखद अनुभूति हुई। मेडिकल व्यवसाय से जुड़े लोगों की सेवा करके उन्हें जो आनंद की अनुभूति हुई उसे बयां नहीं कर सकते।

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