स्वजनों के बीच घर पर मनाई ईद

हजागरण संवाददाता इटावा बीते एक माह से चलने वाले रमजान माह का सोमवार को ईद के साथ समापन हो गया। लॉकडाउन के चलते लोगों ने घरों में ही नमाज अदा करके ईद मनाई। इस वर्ष मस्जिद अथवा ईदगाह में नमाज न होने से सन्नाटा छाया रहा। बाजार में भी हर वर्ष की तरह ईद का उत्साह नहीं देखा गया। गलियों में भी लोग सहमे रहे और दूर-दूर रहकर ईद की मुबारकवाद दी। ईद का

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 May 2020 05:38 PM (IST) Updated:Mon, 25 May 2020 06:59 PM (IST)
स्वजनों के बीच घर पर मनाई ईद
स्वजनों के बीच घर पर मनाई ईद

फोटो : 8 से 10 जागरण संवाददाता, इटावा : बीते एक माह से चलने वाले रमजान माह का सोमवार को ईद के साथ समापन हो गया। लॉकडाउन के चलते लोगों ने घरों में ही नमाज अदा करके ईद मनाई। इस वर्ष मस्जिद अथवा ईदगाह में नमाज न होने से सन्नाटा छाया रहा। बाजार में भी हर वर्ष की तरह ईद का उत्साह नहीं देखा गया। गलियों में भी लोग सहमे रहे और दूर-दूर रहकर ईद की मुबारकवाद दी। ईद का त्योहार जिले में सोमवार को मनाया गया। इस बार लॉकडाउन के चलते त्योहार का रंग बदला नजर आया। सामूहिक रूप से नमाज अदा करने पर तो पाबंदी है ही, साथ ही लोगों को यह सलाह भी दी गई है कि एक-दूसरे से गले मिलने की जगह दूर से ही मुबारकवाद देकर काम चलाएं। इस दौरान शारीरिक दूरी बनाए रखने की अपीलें भी की गईं हैं। रमजान का पूरा महीना लॉकडाउन के कारण लोगों ने घर पर ही बिताया। न इफ्तार की दावतें हुईं और न ही सामूहिक रूप से कहीं नमाज हो पाई। इस दौरान लोगों ने धैर्य और संयम का काफी परिचय दिया। ऐसा ही ईद के दिन देखने को मिला। खुशियों का यह त्योहार घर पर रहकर ही मनाया गया। मौलानाओं की तरफ से भी यही अपील की गई थी जिसका पालन किया गया। दरअसल कोरोना का संक्रमण संपर्क में आने से होता है इस वजह से दूरी बनाए रखने के लिए बार-बार कहा गया। ईद पर होता यह है कि लोग एक-दूसरे के गले मिलकर मुबारकवाद देते हैं। यह एक परंपरा है, लेकिन इस समय इसे बदल दिया गया। ताकि सब सुरक्षित रह सकें।

मो. कफील अहमद व लकी अंसारी के साथ ही शुएब अली घटिया अजमतअली ने बताया कि पहली बार घर के बच्चों के साथ पूरा समय देने का अवसर प्राप्त हुआ है। पूर्व पालिका अध्यक्ष हाजी फुरकान अहमद ने बताया कि आजादी के बाद पहली बार ऐसा मौका आया जब घरों में नमाज के साथ त्योहार मनाया गया। ईदगाह पर नहीं लगे नेताओं के स्टाल व मेला हर वर्ष ईदगाह पर नमाज के दौरान ईदगाह पर मुबारकवाद देने के लिए अनेक राजनेताओं के स्टाल लगा करते थे। ईदगाह के आस-पास दुकानें सजा करती थीं। इस बार ईदगाह पर भी सन्नाटा पसरा रहा। राजनेताओं का भी अभाव देखा गया। लॉकडाउन के चलते कोई भी मुबारकवाद देने सार्वजनिक रूप से नहीं निकला। मोबाइल पर रस्मअदायगी होती रही।

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