बच्चों को कोविड होने पर स्वयं न करें इलाज
संवाद सहयोगी सैफई कोरोना महामारी की दूसरी लहर से संपूर्ण भारत जूझ रहा है। इस दूसर
संवाद सहयोगी, सैफई : कोरोना महामारी की दूसरी लहर से संपूर्ण भारत जूझ रहा है। इस दूसरी लहर में तेजी से बढ़ते संक्रमण से बच्चे भी नहीं बच पा रहे हैं। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के शिशु एवं बाल विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. दुर्गेश कुमार का कहना है कि कोविड का नया स्ट्रेन बच्चों को पहली लहर की अपेक्षा अधिक संक्रमित कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि नया स्ट्रेन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को पार कर आसानी से नुकसान पहुंचा सकता है। एक ओर जहां पहले बच्चों में वायरस के कम प्रभाव और बगैर लक्षणों के केस देखने में मिल रहे थे। वहीं अब बच्चों में पहले ही मुकाबले ज्यादा और अन्य प्रकार के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। लेकिन इंटरनेट मीडिया पर उपलब्ध जानकारियों से बचें और बच्चे का स्वयं इलाज न करें। कोविड टेस्ट पॉजिटिव आने पर तुरंत नजदीकी कोविड-19 में डॉक्टर से संपर्क करें घबराने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि बच्चों में यह बीमारी अभी तक अधिक गंभीर नहीं पाई गई है। प्रमुख लक्षण - लंबे समय तक तेज बुखार रहना
- सूखी खांसी
- मांसपेशियों में दर्द
- उल्टी दस्त और पेट में दर्द होना
- त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ना
- हाथों व पैरों पर सूजन
- बच्चों में चिड़चिड़ापन होना।
ऐसे करें बचाओ - बच्चों को घर से बाहर निकलने न दें।
- यदि बाहर निकलना आवश्यक हो तो मास्क लगाकर निकलने दें और बार-बार साबुन पानी से हाथ धोने को कहें।
- यदि माता-पिता कहीं बाहर से आ रहे हैं तो वह बच्चों से मिलने से पहले स्नान करें तथा कपड़े बदल कर ही बच्चों के संपर्क में आएं।
- बच्चों को नियमित एक्सरसाइज कराते रहें। जिससे कि उनके फेफड़े मजबूत बने रहें।
- प्रतिदिन गुनगुना पानी पीने को दें, ठंडे पानी का इस्तेमाल न करें।
- इम्यूनिटी मजबूत करने के लिए ताजे फलों के जूस का सेवन कराएं तथा जितना हो सके हरी ताजी सब्जियां खिलाएं।