मिट्टंी कटान से डीएफसी ट्रैक खतरे में

जागरण संवाददाता इटावा डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर (डीएफसी) ट्रैक खतरे में है। मालगाड

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 06:34 PM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 06:34 PM (IST)
मिट्टंी कटान से डीएफसी ट्रैक खतरे में
मिट्टंी कटान से डीएफसी ट्रैक खतरे में

जागरण संवाददाता, इटावा : डेडीकेटेड फ्रेट कारिडोर (डीएफसी) ट्रैक खतरे में है। मालगाड़ी हादसे के बाद इसकी सुरक्षा परखी गई तो ये खतरनाक सच्चाई सामने आई है। बारिश में मिट्टंी कटने के बाद ट्रैक धंसकने का खतरा है और कई जगह बोरियों में बालू भरकर इसे रोकने का प्रयास किया जा रहा है। इन सबके बीच ग्रामीणों को भय सता रहा है कि कही कटान फिर हादसे की वजह न बन जाए।

बसरेहर विकासखंड क्षेत्र के अहलादपुर गांव के सामने डीएफसी ट्रैक की साइड पर मिट्टी कटान हो रही है। इससे ग्रामीण चितित हैं। वहीं, मलाजनी के नगला भीखन के पास भी ट्रैक किनारे मिट्टी कटान हो रही है। कुछ जगह कटान घास के बीच छिपी है लेकिन पास जाने पर गहरी दरारें साफ दिखती हैं। यहां रेल प्रशासन ने मिट्टी भरी बोरियां लगवा दी हैं, अब यह कितनी कारगर होती है यह तो समय ही बताएगा। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक यहां बड़े-बड़े पत्थर नहीं लगाए जाएंगे, कटान नहीं रुकेगी।

आसपास रहने वाले ग्रामीण भगवान सिंह, अनिल दुबे, सुशील यादव, शिवबरन, रामकरन, नरेश का कहना है कि रेलवे लाइन के दोनों तरफ सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है, हर बार बारिश के कारण मिट्टी कट जाती है लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है। अहलादपुर गांव के सामने रेलवे लाइन के दोनों तरफ कटान साफ दिखती है। कई स्थानों पर मिट्टी काफी ऊंची है तो कई स्थानों पर मिट्टी बारिश के कारण बह गई है। ग्रामीणों का कहना है कि मिट्टी कटान रेल दुर्घटनाओं की बड़ी वजह बन सकती है। वैदपुरा के नगला छत्ते के पास भी कई स्थानों पर मिट्टंी कट गई है लेकिन रोकथाम का कोई इंतजाम नहीं किया गया है।

डीएफसी के परियोजना प्रबंधक जेके सिंह ने बताया कि रेलवे ट्रैक साइड में बरसात में जो मिट्टी कट रही है, उससे ट्रैक पर कोई असर नहीं पड़ेगा। विभाग घास लगवा रहा है, इससे मिट्टंी की कटान रुकेगी।

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