स्वच्छताग्रही बदल सकते खुले में शौच की सोच

जासं, इटावा : ग्रामवासियों को खुले में शौच करने से होने वाले दुष्परिणामों, बीमारियों के बार

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Sep 2018 06:45 PM (IST) Updated:Tue, 25 Sep 2018 06:45 PM (IST)
स्वच्छताग्रही बदल सकते खुले में शौच की सोच
स्वच्छताग्रही बदल सकते खुले में शौच की सोच

जासं, इटावा : ग्रामवासियों को खुले में शौच करने से होने वाले दुष्परिणामों, बीमारियों के बारे में जागरूक कर उनके अंदर परिवर्तन लाना है। इस कार्य की जिम्मेदारी स्वच्छताग्रहियों को दी गयी है। स्वच्छताग्रहियों में वह शक्ति है जो ग्रामवासियों में खुले में शौच जाने की धारणा को बदल सकते हैं।

यह उद्गार मुख्य विकास अधिकारी पीके श्रीवास्तव ने स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) समुदाय आधारित संपूर्ण स्वच्छता (सीएलटीएस) विधा पर स्वच्छताग्रहियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करने के उपरांत स्वच्छताग्रहियों को प्रशिक्षण देते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता प्रहरियों की टीमों को गांव में लोगों को स्वच्छता के संबंध में जागरूक करने हेतु भेजा गया है, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। गांववासियों में स्वच्छ शौचालय का प्रयोग करने, स्वच्छता अपनाने के प्रति रुझान बढ़ा है। उन्होंने स्वच्छताग्रहियों से कहा कि गांव के लोगों में अभी और स्वच्छता के प्रति जागरुक करने की जरूरत महसूस की गयी है। उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार बेसलाइन सर्वे के अनुसार जनपद ओडीएफ(खुले में शौच मुक्त) घोषित किया गया है परंतु अभी अपेक्षित सफलता नहीं मिली। लाभार्थियों के बेसलाइन सर्वे के आधार पर जिनके पास शौचालय नहीं थे उन लाभार्थियों के शौचालयों का निर्माण कराया गया। अब ग्रामीणों में स्वच्छता अपनाने हेतु परिवर्तन लाने की जिम्मेदारी स्वच्छताग्रहियों के कंधों पर है। मास्टर ट्रेनर दिनेश यादव ने स्वच्छताग्रहियों को प्रशिक्षित करते हुए कहा कि टीम के सभी सदस्य ²ढ इच्छा शक्ति के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करें। सहायक जिला पंचायतराज अधिकारी रोहित कुमार, मास्टर ट्रेनर आदि उपस्थित रहे।

chat bot
आपका साथी