टीकाकरण में लापरवाही पर संबंधित चिकित्सक होगा जिम्मेदार
जागरण संवाददाता, इटावा : पशुपालन विभाग का राष्ट्रीय कार्यक्रम खुरपका व मुंहपका रोग नियंत्रण्
जागरण संवाददाता, इटावा : पशुपालन विभाग का राष्ट्रीय कार्यक्रम खुरपका व मुंहपका रोग नियंत्रण अभियान शुरू हो चुका है। कार्यक्रम की समीक्षा बैठक पशुपालन विभाग के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. डीके शर्मा ने विकास भवन स्थित अपने कार्यालय में की। इसमें जिले भर से पशु चिकित्सक आए थे। पहली बार पशुपालकों की टीम गांव-गांव में घर-घर जाकर पशुओं का टीकाकरण कर रही है। अब हर टीम को एक-एक टीकाकरण पंजिका दी गई है। जिसमें टीम को पशुपालकों का पूरा ब्यौरा अंकित करना होगा। इस अभियान में टीम उन घरों पर भी दस्तक देगी जिनके यहां पशुपालन नहीं हो रहा है। उनकी दीवारों पर भी टीकाकरण के संबंध में जानकारी अंकित की जाएगी कि इनके यहां पशुपालन नहीं हो रहा है। उन पशुपालकों का ब्यौरा भी रजिस्टर में अंकित किया जाएगा जो पशुपालक टीकाकरण करा रहे हैं और जो टीकाकरण कराने से इन्कार कर रहे हैं। जिस गांव में टीकाकरण का अभियान चल रहा है उस गांव में बहुउद्देशीय सचल वाहन भी मौजूद रहते हैं। इस वाहन में एक पशु चिकित्सक समेत पशुओं की दवाएं भी उपलब्ध हैं। यदि किसी गांव में कोई पशु बीमार है तो पशुपालक गांव में मौजूद पशु चिकित्सक से परामर्श और इलाज भी करा सकता है। उन्होंने कहा कि इस राष्ट्रीय कार्यक्रम के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी गांव से शिकायत मिली तो संबंधित क्षेत्र की टीम पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पशु चिकित्सकों को निर्देश दिया कि मंदिर और मस्जिदों से भी टीकाकरण का प्रचार कराएं। उनका कहना है कि जो किसान वर्ष में दो बार टीकाकरण अभियान में अपने पशुओं को टीका लगवाते हैं उन पशुओं में कोई रोग नहीं होते। गांव-गांव में निश्शुल्क बधियाकरण का कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। कोई किसान अपने पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान कराना चाहते हैं तो वह निर्धारित शुल्क देकर ग्राम स्तर पर भी यह सुविधा ले सकते हैं।