पर्यावरण संरक्षण में अपने साथ बड़ों को भी जुटाएंगे बच्चे

जागरण संवाददाता इटावा प्रदर्शनी पंडाल में पर्यावरण छात्र संसद का आयोजन किया गया जिसमें बच्च

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 05:58 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 06:40 PM (IST)
पर्यावरण संरक्षण में अपने साथ बड़ों को भी जुटाएंगे बच्चे
पर्यावरण संरक्षण में अपने साथ बड़ों को भी जुटाएंगे बच्चे

जागरण संवाददाता, इटावा : प्रदर्शनी पंडाल में पर्यावरण छात्र संसद का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों ने एक स्वर से कहा कि वे पर्यावरण संरक्षण के काम में जुटेंगे और बड़ों को भी इस काम में जुटाएंगे। यह भी कहा कि धरती पर प्राणियों का जीवन सुरक्षित रहे इसके लिए पर्यावरण संरक्षण जरूरी है। इस संसद में पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पास किए गए जिन पर पूरे वर्ष अमल किया जाएगा। जिलाधिकारी श्रुति सिंह पक्षी विशेषज्ञ तथा हरिद्वार विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी डा. विनय सेठी ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। पर्यावरण छात्र संसद में आए छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी श्रुति सिंह ने कहा कि अच्छी बात यह है कि बच्चे जो ठान लेते हैं वह कर लेते हैं। बच्चे पर्यावरण संरक्षण में जुड़ेंगे तो पर्यावरण संरक्षण करेंगे और बड़ों को भी इस कार्य के लिए प्रेरित करेंगे। बच्चों की बात बड़े भी मानते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण इस समय की बड़ी जरूरत है। जिलाधिकारी ने कहा एयर कंडीशन की तरफ भी ध्यान नहीं जाता जबकि एयर कंडीशन से निकलने वाली गैस से काफी प्रदूषण होता है। इस पर भी कंट्रोल किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बच्चे पर्यावरण के क्षेत्र में जागरूक हों और इस दिशा में कार्य करें जिससे प्रदूषण से बचा जा सके। इसके साथ ही स्वच्छता के क्षेत्र में भी बच्चों को कार्य करना चाहिए। पक्षी विशेषज्ञ तथा उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रोफेसर डा. विनय सेठी ने कहा कि जागरूकता की बात की जाती है जबकि सच्चाई यह है कि जागरूकता की कमी नहीं है। जागरूकता तो खूब है हमें संवेदना की जरूरत है हमें संवेदनशील बनना होगा। पर्यावरण के प्रति, पक्षियों के प्रति और वन्य जीवों के प्रति संवेदनशील बनकर कार्य किया जाए तो दुनिया बहुत अच्छी बन सकती है। उन्होंने कहा कि दूसरों को जागरूक करने से ज्यादा इस बात की जरूरत है कि हम स्वयं अच्छा करें। अपने भीतर झांकने की जरूरत है। उन्होंने उदाहरण दिया कि जिस तरह बर्तन साफ किए जाते हैं उसमें यह स्पष्ट है कि बर्तनों को अंदर से ज्यादा साफ किया जाता है। हमें भी अपने अंदर सफाई करने की जरूरत है। डा. सेठी ने कहा कि अब तो संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी यह माना है कि इकोसिस्टम खतरे में है। इसके लिए 2021 से 2030 तक कार्य करने की बात कही गई है। पर्यावरण को बचाने और प्रदूषण से बचने की पूरे प्रयास किए जाने चाहिए। डीएफओ अतुल कांत शुक्ला ने कहा कि पर्यावरण छात्र संसद एक विशेष कार्यक्रम है जो इटावा में ही होता है इतना अच्छा कार्यक्रम काफी सराहनीय है इसमें बड़ी संख्या में बच्चे भागीदार बने हैं और यह बच्चे ही पर्यावरण को बचाने के लिए पूरे प्रयास करेंगे। कार्यक्रम के संयोजक पान कुंवर इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंधक डा. कैलाश यादव तथा संजय सक्सेना ने सभी का स्वागत किया। डा. कैलाश यादव ने कहा पर्यावरण संसद एक अनूठी पहल है जिस का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है और फिर पूरे वर्ष बच्चों की प्रस्तावों पर बच्चे और बड़े मिलकर अमल करते हैं। बच्चे भी पर्यावरण की प्रति जागरुक तथा संवेदनशील बन रहे हैं। इससे पूर्व सभी अतिथियों का माल्यार्पण करके तथा प्रतीक चिन्ह भेंटकर शाल ओढ़ाकर अभिनंदन किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण के लिए कार्य करने वाली विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों को सम्मानित किया। बच्चों तथा शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया संचालन वैभव ने किया। डीआईओएस राजू राना, एडीआईओएस डा. मुकेश यादव, वन्य जीव विशेषज्ञ राजीव चौहान, एसडीओ संजय सिंह, रेंज आफिसर प्रवल प्रताप सिंह, एके त्रिपाठी, शिवकुमार तथा विवेकानंद दुबे, प्रधानाचार्य परिषद के महामंत्री संजय शर्मा, प्रधानाचार्य डा. उमेश, अभिषेक सक्सेना, गिरिजा शुक्ला, मंजू भदौरिया, पूरन सिंह पाल, रोहन सिंह व डा. आशीष दीक्षित, माधवेंद्र शर्मा, वरिष्ठ कवि डा. राजीव राज, विवेक रंजन गुप्ता मौजूद रहे। इन मुद्दों पर हुई चर्चा स्वच्छता

जल संरक्षण

पौधा रोपण

वायु प्रदूषण

ध्वनि प्रदूषण

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