धोखाधड़ी कर दूसरे को आवास देने के मामले में ग्राम प्रधान व सचिव पर मुकदमा

संवाद सूत्र ऊसराहर फूल सिंह को मिले सरकारी आवास को धोखाधड़ी कर दूसरे फूल सिंह को

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 11:10 PM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 11:10 PM (IST)
धोखाधड़ी कर दूसरे को आवास देने के  मामले में ग्राम प्रधान व सचिव पर मुकदमा
धोखाधड़ी कर दूसरे को आवास देने के मामले में ग्राम प्रधान व सचिव पर मुकदमा

संवाद सूत्र, ऊसराहर : फूल सिंह को मिले सरकारी आवास को धोखाधड़ी कर दूसरे फूल सिंह को देने वाले ग्राम प्रधान व सचिव पर न्यायालय के आदेश पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। लेकिन अपने आवास की मांग करते-करते फूल सिंह इस दुनिया से चला गया और अपने जीते जी आवास नहीं पा सका। ताखा क्षेत्र में घोटालों को करने के लिए तरह-तरह की जुगत लगाकर किस तरह से लाभार्थियों का हक मार लिया जाता है इसकी बानगी भी ताखा में तब देखने को मिली जब कुदरैल ग्राम पंचायत के तत्कालीन ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव के विरूद्ध न्यायालय के आदेश पर मुकद्दमा दर्ज किया गया। मामला ताखा की कुदरैल ग्राम पंचायत का है जहां वर्ष 2017-18 में इसी पंचायत के रम्मपुरा निवासी फूल सिंह को एक सरकारी आवास के लिए ब्लाक मुख्यालय पर पैसा भेजा गया। लेकिन आवास फूल सिंह को नहीं मिल पाया। उसने प्रधान और सचिव के हजारों चक्कर काटे लेकिन उसका आवास उसे नहीं मिल पाया। इसी बीच ग्राम प्रधान राधाकृष्ण एवं पंचायत सचिव देशराज ने धोखाधड़ी कर फूल सिंह की पारिवारिक आइडी पर ही एक दूसरे फूल सिंह निवासी नगला वैस को सांठगांठ कर आवास दे दिया। जब इसकी जानकारी फूल सिंह को हुई तो उसने उसी समय इसकी शिकायत ब्लाक मुख्यालय से लेकर जिले तक की, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। आखिर शिकायत करते-करते एक वर्ष पहले फूल सिंह की मौत हो गई और उसका अपना घर बनाने का सपना भी फूल सिंह के साथ चला गया। पिता की मौत के बाद फूल सिंह के पुत्र ब्रजमोहन ने न्यायालय की शरण ली और न्यायालय को अपनी पूरी बात बताई। न्यायालय ने ऊसराहार थाना पुलिस को दोषियों के विरूद्ध मुकद्दमा दर्ज करने के निर्देश जारी कर दिए। शुक्रवार को पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर तत्कालीन ग्राम प्रधान राधाकृष्ण एवं पंचायत सचिव देशराज के विरूद्ध धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। थानाध्यक्ष गंगादास गौतम ने बताया न्यायालय के आदेश पर मुकद्दमा दर्ज कर पूरे मामले की जांच की जा रही है। चार साल लग गए ब्रजमोहन को सही बात को साबित करने में फूल सिंह के पुत्र ब्रजमोहन को चार साल लग गए। शिकायतों को किस तरह से दबाकर रख दिया जाता है इसका उदाहरण भी ब्रजमोहन ही है। ब्रजमोहन के पिता को आवास तब तक नहीं मिला जब तक वह जिदा था। पिता की मौत के बाद पुत्र ब्रजमोहन ने ब्लाक तहसील से लेकर जिले तक शिकायतें कीं लेकिन उसकी सभी शिकायतों को तब तक दबाकर रखा गया जब तक प्रधानी का कार्यकाल रहा। अब जाकर मुकद्दमा दर्ज हुआ जब तत्कालीन ग्राम प्रधान अब प्रधान भी नहीं है और पंचायत सचिव देशराज सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन ब्रजमोहन ने हार नहीं मानी और चार साल बाद सफलता पाई।

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