प्रसूता के पेट में कपड़ा छूटने के मामले में चार डाक्टरों के खिलाफ मुकदमा
जागरण संवाददाता इटावा नर्सिंग होम में डिलीवरी के दौरान पेट में कपड़ा छूटने के मामले
जागरण संवाददाता, इटावा : नर्सिंग होम में डिलीवरी के दौरान पेट में कपड़ा छूटने के मामले में थाना सिविल लाइन में पीड़ित पति द्वारा चार डाक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस मामले में बाद में प्रसूता की मौत हो गई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जसवंतनगर के ग्राम भगवानपुरा के रहने वाले नरेश ने बताया कि सात अप्रैल 2020 को उसने गर्भवती पत्नी रिकी को ममता गुप्ता हास्पिटल सिविल लाइन में भर्ती कराया था। यहां पर आपरेशन को लेकर 35 हजार रुपये जमा किए गए थे। रिकी ने पुत्र को जन्म दिया था। आपरेशन के उपरांत उसकी पत्नी रिकी के पेट में दर्द शुरू हो गया था। उन्होंने डा. अदिति व डा. वीके गुप्ता को बताया लेकिन कुछ दिन में ठीक होने की बात उन्होंने कह दी। छह माह तक उसने अपनी पत्नी का इलाज किया लेकिन दर्द में आराम नहीं मिला। उसने जिला अस्पताल में डा. मंगल सिंह को दिखाया जहां पर उन्होंने सीटी स्कैन कराया जिसमें पेट में कपड़ा छूटने की बात सामने आई। 26 सितंबर 2020 को वह डा. वीके गुप्ता के पास गया और शिकायत की लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। वह रिकी को लेकर डा. मलखान सिंह पृथ्वीराज हास्पिटल अलीगढ़ में दिखाने गया तो वहां पर भी उसकी पत्नी का आपरेशन हुआ। वहां के डा. मलखान सिंह ने सही रिपोर्ट नहीं दी। उसकी पत्नी की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और इंफेक्शन के कारण उसकी आंत बाहर निकल आई। 22 जनवरी को उसकी पत्नी की मौत हो गई। मामले की शिकायत उसने जिलाधिकारी को की थी जिस पर उन्होंने सीएमओ को जांच के लिए निर्देशित किया था। सीएमओ ने तीन सदस्यीय टीम गठित की। टीम ने अपनी रिपोर्ट में डा. अदिति गुप्ता, डा. वीके गुप्ता, डा. मनोज यादव, डा. मलखान सिंह को दोषी पाया था। इस मामले की रिपोर्ट सीएमओ ने अपर जिलाधिकारी को सौंपी थी।
पुलिस ने रिपोर्ट के बाद डा. वीके गुप्ता, डा. अदिति गुप्ता, डा. मनोज यादव व डा. मलखान सिंह के खिलाफ मारपीट व लापरवाही का मामला दर्ज किया है। नर्सिंग होम के संचालक डा. वीके गुप्ता ने बताया कि उनके खिलाफ साजिश के तहत मामला दर्ज कराया गया है। आपरेशन में कहीं भी कोई लापरवाही नहीं की गई थी।