कालाबाजारी एक---कोरोना की लहर की भांति बढ़ रही है कालाबाजारी
जागरण संवाददाता इटावा कोरोना की दूसरी लहर जिस तेजी से फैल रही है उसी तेजी से आवश्यक
जागरण संवाददाता, इटावा : कोरोना की दूसरी लहर जिस तेजी से फैल रही है उसी तेजी से आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी बढ़ रही है। हालात इस कदर बदहाल है कि प्रशासन इस ओर मूकदर्शक की भांति तमाशा देख रहा है। पान मसाला, फल, मेवा तथा दाल-चावल तक कालाबाजारी के शिकार हो गए हैं। कोरोना से बचाव के लिए मास्क व अन्य आवश्यक वस्तुएं भी बीते सप्ताह की तुलना में डेढ़ से दो गुनी अधिक कीमत पर बेची जा रही हैं। कई दवाइया बाजार से गायब हो गई हैं तो कुछ दोगुने दामों पर बेची जा रही है। पल्स ऑक्सोमीटर तक नहीं मिल रहा है। खाद्यान्न के साथ दलहन-तिलहन की निरंतर बढ़ रही महंगाई आम जनता की कमर तोड़ रही है।
आपदा में अवसर तलाशने के बजाए मौजा ही मौजा को मानने वाले कालाबाजारी समूचे बाजार को ही अपनी गिरफ्त में लेते हैं। दस दिन पूर्व तक बाजार हर वस्तु सामान्य रूप से निर्धारित दरों पर प्राप्त हो रही थीं लेकिन जैसे की कोरोना मीटर तेजी से बढ़ा तो बाजार में कालाबाजारी सक्रिय हो गए। हालात इसकदर बदहाल है कि प्रशासन इन पर किसी भी तरह का अंकुश नहीं लगा पा रहा है। कोरोना काल और नवरात्र का फल वालों ने भरपूर लाभ उठाया। दवाओं से लेकर पान मसाला तक कालाबाजरी के तहत डेढ़ से दो गुना अधिक भाव पर आम आदमी को खरीदना पड़ रहा है।
बीते 10 दिन पूर्व और अब वस्तुओं के दाम वस्तु 10 दिन पूर्व वर्तमान भाव
पल्स ऑक्सोमीटर 1200 2000
पान मसाला पाउच 5 रुपये 10 रुपये
सरसों का तेल 110 रुपये 160 रुपये
बीड़ी का बंडल 10 रुपये 15 रुपये
दालें 80 से 120 130 से 160
सेव 80 से 100 140 से 160
संतरा 60 से 70 130 से 150
कई दवाओं की आमद बंद
शहर के कई दवा व्यवसाइयों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कोरोना काल के फिर से सक्रिय होने से कई दवाओं की आमद बंद कर दी गई। अधिकतर दवाओं का उत्पादन महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, हिमांचल, दिल्ली व अन्य प्रदेशों में होता है। वहां के शासन-प्रशासन ने अपने राज्यों की पूर्ति की तहत अन्य प्रांतों में दवाएं नहीं ले जाने दे रहे है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में उपरोक्त दवाओं का उत्पादन होता नहीं है। इससे यह पर क्राइसिस है।
बाजार में भीड़ कम करने पर हो पहल
व्यापार मंडल मिश्रा गुट अध्यक्ष अनंत प्रताप अग्रवाल का कहना है कि प्रशासन कोरोना पर अंकुश लगाना चाहता है तो बाजार हो या अन्य सार्वजनिक उपक्रम सब जगह भीड़ कम करने की सक्रिय पहल होनी चाहिए। बाजार शिफ्ट बाइज खोला जाए तो ग्राहकों की भीड़ काफी कम होगी। सुबह से दोपहर तक सब्जी, फल, किराना, जनरल स्टोर, प्रोवीजन स्टोर, हार्डवेयर के प्रतिष्ठान खुले, अपराह्न एक बजे से रात आठ बजे तक कपड़ा, फर्नीचर, मॉल व अन्य सभी शो-रूम खोले जाएं।