केवल सरकारी फाइलों में सुंदर दिख रहे तालाब

मनोज तिवारी बकेवर ग्राम्य विकास का करोड़ों रुपया किस तरह डकारा जाता है यह ग्रामों में

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 05:04 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 05:24 PM (IST)
केवल सरकारी फाइलों में सुंदर दिख रहे तालाब
केवल सरकारी फाइलों में सुंदर दिख रहे तालाब

मनोज तिवारी बकेवर ग्राम्य विकास का करोड़ों रुपया किस तरह डकारा जाता है यह ग्रामों में जाने पर ही पता चलता है। बीते दशक से सरकारी फाइलों में ब्लाक महेवा क्षेत्र के गांव लुधियानी का तालाब सुंदर प्रदर्शित किया जा रहा है। धरातल पर हालात इसके विपरीत हैं। जर्जर हालात में तालाब और क्षतिग्रस्त पार्क सारी हकीकत बयां कर रहा है। सही मायनों में तालाबों को कचरा से पाटकर भूमि पर कब्जा करने का खेल चल रहा है। जल संरक्षण के लिए मुफीद तालाबों की स्थिति महेवा विकास खंड क्षेत्र सबसे ज्यादा में बदतर प्रतीत हो रही है। बीते पांच साल तक दूसरे तालाबों के लिए आदर्श बना यह तालाब खुद ही जर्जर हो चुका है। देखरेख के अभाव में तालाब पर बना गेट जहां टूट चुका है, वहीं चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है। गांव के ग्रामीण इस तालाब के किनारे शौच क्रिया करते हैं जो ग्रामों में शौचालय निर्माण की सच्चाई प्रकट कर रहा है। ग्रामीण बताते है कि एक दशक पूर्व तत्कालीन ग्राम प्रधान प्रदीप तिवारी ने ग्राम पंचायत की आठ लाख की निधि से गांव के इस तालाब को आदर्श तालाब बनाया था। तालाब के चारों ओर बाउंड्रीवाल, बैठने के लिए सीटें, फलदार पेड़ लगवाने के साथ तालाब के किनारे पर पार्क भी पार्क का निर्माण कराया था। अब देखरेख के अभाव मे यह पार्क बदहाली का शिकार हो गया है, गंदगी की जद में आने से और ज्यादा बदहाल हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना तालाबों को अवैध कब्जे से मुक्त करने के लिए सु्प्रीमकोर्ट ने स्पष्ट आदेश दे रखा है लेकिन अधिकतर तालाबों पर कब्जा होने से इस आदेश की अवहेलना हो रही है। सरकार तालाबों के माध्यम से जल संरक्षण को बढ़ावा दे रही हैं। महेवा विकास खंड क्षेत्र के प्रत्येक गांव में एक-एक तालाब को सुंदर बनाने की मुहिम शुरू हुई। 2009 से लेकर 2011 तक तालाबों की बेहतरी को लेकर अभियान चलाकर काफी धन व्यय किया गया। कई तालाबों की तस्वीर भी बदल गई थी लेकिन देखरेख के अभाव में सभी तालाबों की स्थिति एक जैसी बदतर हो गई है। कागजों में ये तालाब तो आज भी आदर्श हैं लेकिन मौके पर हालात काफी बदतर हैं। रोजाना डाला जा रहा है कचरा गांव के कमलेश अवस्थी बताते है कि एक दशक पूर्व तत्कालीन ग्राम प्रधान ने जब इस तालाब का सौंदर्यीकरण कराया था तो ग्रामीण सुबह-शाम तालाब पर टहलने आते थे। अब रोजाना लोग यहां कचरा डाल रहे हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह लोगों को इसे मछली पालने के लिए दें तो उनसे अनुबंध भी कराएं कि वे तालाब की सुरक्षा भी करेंगे और उसमें गंदगी नहीं डालने देंगे। कचरा डालकर पाट रहे हैं तालाब गांव के निर्मल भदौरिया बताते है कि तालाब गंदगी और जलकुंभी से अटा पड़ा है। तालाब के पानी में चारों ओर पॉलिथिन व अन्य कचरा ही दिखाई दे रहा है। कुछ लोग तालाब के किनारे कचरा डालकर उसे धीरे-धीरे पाट रहे हैं। शिकायतों के बावजूद इस तालाब की कोई सुध लेने वाला नहीं है। हालत यह है कि कई लोगों के द्वारा तालाब को स्वच्छ बनाने की मांग की गई लेकिन कोई इसकी सफाई पर ध्यान नहीं दे रहा है। तालाबों को स्वच्छ बनाने का कार्य कराया जा रहा है जल्द ही लुधियानी गांव के आदर्श तालाब की भी साफ-सफाई कराई जाएगी।

श्याम बरन राजपूत

एडीओ पंचायत

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