सैफई से आगरा तक एंबुलेंस वाले ने वसूले 15 हजार
संवाद सहयोगी सैफई कोरोना संक्रमण बढ़ते दौर में एंबुलेंस संचालक भी मनमानी कर रहे हैं
संवाद सहयोगी, सैफई : कोरोना संक्रमण बढ़ते दौर में एंबुलेंस संचालक भी मनमानी कर रहे हैं। प्रशासन का इन पर कोई अंकुश नहीं है इसका प्रत्यक्ष प्रमाण उस समय जब सैफई से आगरा तक मरीज पहुंचाने के तीमारदार से 15 हजार रुपए वसूले गए। अधिकतर एंबुलेंस संचालक पांच सौ किराए की एवज में पांच हजार रुपये तक वसूल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के आसपास करीब एक सैकड़ा से अधिक प्राइवेट एंबुलेंस संचालित हैं। यहां पर हर रोज मरीजों के आवागमन का सौदा तो पहले से ही होता था, अब प्राइवेट अस्पतालों से सेटिग करके पहले ही यहां से रेफर करा कर जाने के मामले सामने आ रहे हैं। इनमें एंबुलेंस चालक आगरा के निजी नर्सिंगहोमों से कमीशन भी लेने लगे हैं। कुल मिलाकर एंबुलेंस संचालक मानवता को तार-तार करके भ्रष्ट कमाई करने में जुटे हुए हैं और इनका नेटवर्क निरंतर मजबूत हो रहा है। कोरोना महामारी के दौर में भी सैफई चिकित्सा विश्वविद्यालय के आसपास संचालित प्राइवेट एंबुलेंस संचालकों का बोलबाला है। मनमाने तरीके से मरीजों और उनके तीमारदारों को ले जाते हैं।
नोडल अधिकारी भी नहीं देते तवज्जो
सरकार ने कोरोना वायरस से बचाव की दवा अस्पतालों में बेड से लेकर उन संसाधनों पर निगरानी के लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं। मगर नोडल और प्रशासनिक अधिकारी एंबुलेंस संचालकों की मनमानी पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। बीते वर्ष कोरोना काल के दौरान लगे लॉकडाउन की अवधि में दूसरे राज्यों के कामगारों को उनके पैतृक क्षेत्रों में पहुंचाने के नाम पर लूट मचाने वाले एंबुलेंस संचालक इस दौर को भी मनमाने ढंग से बेतहाशा भ्रष्ट कमाई कर रहे हैं।संक्रमित मरीजों के स्वजन से पीपीई किट ऑक्सीजन के नाम पर खूब लूट मचाई जा रही है।
पुलिस की कमाई का जरिया बने एंबुलेंस वाले
चिकित्सा विश्वविद्यालय के आसपास संचालित निजी एंबुलेंसों के खिलाफ पीजीआइ चौकी प्रभारी द्वारा अभियान कभी नहीं चलाया गया। पूर्व में तैनात रहे चौकी प्रभारियों द्वारा लगातार एंबुलेंस को खदेड़ा गया था, लेकिन पिछले समय से एंबुलेंस संचालक मनमाने तरीके से अपना साम्राज्य जमाए हुए हैं। उसका मुख्य कार्य यह है कि पुलिस चौकी उनके बस में है और कोई कार्रवाई होनी नहीं है। इसलिए मनमाने तरीके से एंबुलेंस चालक तीन गुना किराया और कमीशन वसूल रहे हैं।
जिला प्रशासन ने तय किए रेट : शिकायतों को देखते हुए जिला प्रशासन ने कोविड-19 में एंबुलेंस के रेट तय कर दिए हैं। जिलाधिकारी श्रुति सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में निजी एंबुलेंसों द्वारा वर्तमान महामारी के दौर में जनता को राहत देने के उद्देश्य से अधिकतम दरें अस्थाई रूप से निर्धारित कर दी गई हैं।
उन्होंने बताया कि बीएलएस एंबुलेंस के लिए 800 रुपये 80 किमी तक, 80 किमी से अधिक 10 प्रति किमी, एएलएस एंबुलेंस हेतु 960 रुपये 60 किमी तक, 80 किमी से अधिक दूरी पर 12 रुपये प्रति किमी चार्ज लिया जाएगा। ड्राइवर हेतु अधिकतम 500 रुपए प्रतिदिन यानी आठ घंटे के उपरांत 100 रुपए प्रति घंटा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त ऐसे वाहन चालक जिसका उपयोग आकस्मिकता के दृष्टिगत मरीज की जीवन सुरक्षा हेतु व्यवसायिक रूप से मरीज के परिवहन हेतु किया जाएगा। उन पर बीएलएस का आकस्मिक दरें लागू होंगी। एंबुलेंस में ऑक्सीजन, चिकित्सीय स्टाफ, अन्य सुविधा का शुल्क कास्ट प्राइज पर ही लेना होगा। सरकारी एंबुलेंस में किसी प्रकार का शुल्क देय नहीं होगा। उन्होंने बताया कि निर्धारित शुल्क से ज्यादा शुल्क लिये जाने पर जिलाधिकारी कंट्रोल रूम नंबर 05688-259697, 9045253394, 9045032394 पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। कंट्रोल रूम में प्रत्येक चार घंटे पर प्राप्त होने वाली शिकायतों पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. यतेंद्र राजपूत के मोबाइल नंबर 8126356238, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी मोबाइल नंबर 9415225893 पर व सीओ सैफई राकेश कुमार के मोबाइल नंबर 9454401446 पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। उन्होंने बताया कि अपर जिलाधिकारी जय प्रकाश इन शिकायतों का सुपरविजन करेंगे और विधिक कार्रवाई कराएंगे। यह व्यवस्था मरीजों के परिवहन हेतु है। कोविड-19 से होने वाली मृत्यु व शवों के परिवहन हेतु पूर्णतया निश्शुल्क सरकारी वाहन मुख्य चिकित्सा अधिकारी संचालित किया जाएगा।