एंबुलेंस दो---डीएम के तय रेट को ठेंगा दिखा रहे एंबुलेंस संचालक

संवाद सहयोगी सैफई कोविड-19 महामारी के चलते मरीजों को भर्ती करने के लिए तीमारदार भ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 06:40 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 06:50 PM (IST)
एंबुलेंस दो---डीएम के तय रेट को ठेंगा दिखा रहे एंबुलेंस संचालक
एंबुलेंस दो---डीएम के तय रेट को ठेंगा दिखा रहे एंबुलेंस संचालक

संवाद सहयोगी, सैफई : कोविड-19 महामारी के चलते मरीजों को भर्ती करने के लिए तीमारदार भटक रहे हैं। इनकी मजबूरी का लाभ उठाने में एंबुलेंस संचालक कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। वह इसकदर बेलगाम हैं कि सरेआम डीएम द्वारा निर्धारित दर को दरकिनार करके कई गुना अधिक किराया वसूल रहे हैं। मानवता के दुश्मन बने एंबुलेंस संचालकों ने गिद्दों को भी पीछे छोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के आसपास करीब एक सैकड़ा से अधिक निजी एंबुलेंस संचालित हैं जिनमें कई के किसी अस्पताल से पंजीकरण तक नहीं है। यहां पर एंबुलेंस संचालकों द्वारा मरीजों की सौदेबाजी की खबरें तो पहले भी आती रही हैं लेकिन कोरोना महामारी में प्रशासन की सख्ती के बाद भी एंबुलेंस संचालक मरीजों व उनके स्वजन को लूट रहे हैं। इनमें ना तो मानवता दिख रही है और ना ही कार्रवाई का डर। उनकी ये मनमानी मरीजों का दर्द बढ़ा रही है। प्रशासन के एंबुलेंस की दरें तय करने के बाद भी तीमारदारों से अधिक रुपये मांगे जा रहे हैं। ऐसे में तीमारदार मरीजों को अन्य वाहनों से ले जाने को मजबूर हैं। किलोमीटर के हिसाब से तय दरों के स्थान पर संचालक आने-जाने में दोनों ओर का कई गुना अधिक किराया वसूल रहे हैं। फर्रुखाबाद के मांगे चार हजार सोमवार को चिकित्सा विश्वविद्यालय के गेट नंबर तीन के पास खड़ी एंबुलेंस के चालक द्वारा यहां से फर्रुखाबाद तक मरीज को पहुंचाने का चार हजार किराया बताया। जब कहा गया कि मरीज संक्रमित नहीं है तो उन्होंने डेढ़ हजार रुपये में जाने की बात कही। उन्हें डीएम द्वारा निर्धारित दरों के बारे में बताया गया तो उन्होंने दूसरी जगह से बुक करने की बात कहते हुए चलता कर दिया। पुलिस का मिल रहा संरक्षण एंबुलेंस संचालक समाजद्रोही बनकर भले ही मोटी कमाई कर रहे हो लेकिन इसमें अप्रत्यक्ष रूप से खाकी वर्दी भी शामिल हैं। व्यापक पैमाने पर एंबुलेंसों का संचालन अर्से से हो रहा है, इसमें कई अनाधिकृत रूप से दौड़ रही हैं। रोजाना वाहन चेकिग करने वाली पुलिस ने इनके कागजात चेक कराना मुनासिब नहीं समझा। सूत्रों की माने तो मनमानी किराया में से काफी हिस्सा पुलिस को दिया जा रहा है। इसके चलते पुलिस शिकायत होने पर भी कार्रवाई नहीं करती है, इससे स्पष्ट है कि मानवता के दुश्मनों को पुलिस का संरक्षण प्राप्त है।

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