आयुर्विज्ञान विवि में 600 में से 247 ने ली डोज

संवाद सहयोगी सैफई उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में कोविड-19 वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में 60

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 10:53 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 10:53 PM (IST)
आयुर्विज्ञान विवि में 600 में से 247 ने ली डोज
आयुर्विज्ञान विवि में 600 में से 247 ने ली डोज

संवाद सहयोगी, सैफई: उप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में कोविड-19 वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में 600 के टीकाकरण लक्ष्य के सापेक्ष 247 फैकेल्टी मेंबर, चिकित्सक तथा कर्मचारियों ने वैक्सीन की डोज ली जबकि 353 बूथ पर नहीं पहुंचे।

विश्वविद्यालय में वैक्सीनेशन के लिए छह टीमें लगाई गई थीं। सुबह से दोपहर तक डोज लेने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों में उत्साह का माहौल दिख रहा था। दोपहर बाद बूथ पर सन्नाटा पसर गया। स्टाफ नर्स काउंटर पर बैठकर इंतजार करते नजर आए। प्रथम चरण में भी विश्वविद्यालय में 100 स्वास्थ्य कर्मियों में से सिर्फ 42 ने डोज ली थी। बूथ पर प्रतिकुलपति डा. रमाकांत यादव, चिकित्सा अधीक्षक डा. आदेश कुमार, अपर चिकित्सा अधीक्षक कोविड-19 डा. अनिल कुमार शर्मा, नोडल आफीसर कोविड-19 वैक्सीनेशन डा. संदीप गुप्ता, सहायक नोडल आफीसर कोविड-19 वैक्सीनेशन डा. दिनेश कुमार, डब्लूएचओ की तरफ से डा. चेतन शर्मा, सीएचसी सैफई से डा. सोहम प्रकाश गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

213 को लगना था टीका, आए 86

सैफई : कोरोना टीकाकरण के द्वितीय चरण में सीएचसी सैफई का शुभारंभ एसडीएम हेम सिंह ने फीता काटकर किया। उन्होंने चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुनील कुमार यादव के साथ वैक्सीनेशन कक्ष, ऑब्जर्वेशन रूम समेत अन्य व्यवस्थाओं को देखा। सीएचसी के अंतर्गत संचालित पांच प्राथमिक केंद्रों से 213 स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाने का लक्ष्य था, जिसमें 86 कर्मियों को टीका लगा। इस मौके पर डॉ. राजीव यादव, सुरेंद्र सिंह यादव, वरिष्ठ नेत्र परीक्षण अधिकारी, फार्मासिस्ट सुनील कुमार गुप्ता, अनूप यादव आदि मौजूद रहे। वैक्सीन पूरी तरह है सुरक्षित

टीका लगवाने के बाद मुझे किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। लोगों से अपील है कि बिना डरे कोविड-19 का टीका अवश्य लगवाएं। अफवाहों पर ध्यान न दें। वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है।

-अनूप यादव, फार्मासिस्ट वैक्सीन लगवाने में थोड़ी सी झिझक थी। किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई है। पूरी तरह से ठीक हूं। बिल्कुल घबराने की कोई जरूरत नहीं है। हम गांव की महिलाओं को कोविड-19 वैक्सीन के बारे में जरूर समझाएंगे।

-सुशीला देवी, आशा कार्यकर्ता

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