अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस: सफलताओं का सफर ओलंपिक पर नजर

एथलीट आरती कुशवाह ने अभावों को बनाया था ताकत पीटी उषा को रोल माडल मानकर आगे बढ़ने की चाह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 05:26 AM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 05:26 AM (IST)
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस: सफलताओं का सफर ओलंपिक पर नजर
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस: सफलताओं का सफर ओलंपिक पर नजर

जासं, एटा: अभावों को ताकत बना कर हौसलों की उड़ान भरने वाली जिले की एथलीट आरती कुशवाहा का लक्ष्य अब ओलंपिक है। प्राइमरी स्कूल शिक्षा अभियान लगातार खेलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए सफलताओं के बाद भी उनका जज्बा कम नहीं।

शीतलपुर विकासखंड के गांव शिवसिंहपुर निवासी जोधपाल सिंह की पुत्री आरती कुशवाहा ने साबित कर दिया कि बेटियां किसी से कम नहीं हैं। मजदूर परिवार की इस बेटी ने आर्थिक तंगी को लक्ष्य में आड़े नहीं आने दिया। स्कूली जीवन में लंबी कूद में नेशनल तक पहुंची आरती को स्पो‌र्ट्स कोटे में सीआरपीएफ में आरक्षी की नौकरी मिली। 2019 में आरती ने आल इंडिया पोलवाल्ट चैंपियनशिप में तीसरा स्थान हासिल किया था। अगला लक्ष्य ओलंपिक तक पहुंच कर देश के लिए मेडल जीतना है।

कहते हैं कि सतत परिश्रम एवं मजबूत इरादों से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। गरीबी में जन्मी इस बेटी की किशोरावस्था भी अभावों के नाम रही। पीटी ऊषा की प्रशंसक रही आरती ने ट्रिपल जंप को अपना करियर मानकर नाम कमाने की ठानी। 2008 में सोनभद्र में आयोजित स्कूल गेम्स में लंबी कूद में आरती ने नया रिकार्ड बनाकर कीर्तिमान स्थापित किया। 2011 में गाजियाबाद में संपन्न राज्य प्रतियोगिता में लंबी कूद, ऊंची कूद एवं बाधा दौड़ की चैंपियनशिप आरती के नाम रही। 2013 में स्पो‌र्ट्स कोटे से केंद्रीय रिजर्व पुलिस में भर्ती हुई आरती नौकरी के बाद पोलवार्ड में नए कीर्तिमान तथा ओलंपिक में सफलता का जोश भरे हैं। आरती के कोच रहे सत्येंद्र यादव के अनुसार आल इंडिया पोलवाल्ट चैंपियनशिप में आरती ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। लगातार प्रैक्टिस तथा पिछले साल चोटिल होने के बावजूद ओलंपिक तक पहुंचने का उद्देश्य भी जरूर पूरा होगा।

chat bot
आपका साथी