खुले आसमान के नीचे गेहूं, तिरपाल का सहारा

बारिश की दस्तक फिर भी नहीं सुरक्षा के इंतजाम पिछले महीने भी बारिश से भीगा था अनाज

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 06:29 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 06:29 AM (IST)
खुले आसमान के नीचे गेहूं, तिरपाल का सहारा
खुले आसमान के नीचे गेहूं, तिरपाल का सहारा

क्रय केंद्र मंडी समिति

यहां दोपहर 12 बजे गेहूं क्रय केंद्र पर सन्नाटा पसरा था। पिछले दिनों खरीदे गए गेहूं को तिरपाल से ढक कर रखा गया था। गेहूं खरीद के लिए कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। वहीं किसान इसलिए नहीं आए क्योंकि उन्हें जानकारी नहीं थी कि गेहूं खरीद की तिथि बढ़ गई है। क्रय केंद्र अलीगंज रोड क्रय विक्रय समिति

यहां गेहूं भंडारण के लिए वैसे तो गोदाम मौजूद है फिर भी खरीद किया गया गेहूं बाहर आधा तिरपाल से ढका तो आधा खुले आसमान के नीचे नजर आया। बिकवाली के लिए एक किसान का ट्रैक्टर खड़ा था, लेकिन बताया गया कि खरीद की तिथि बढ़ने के आदेश का इंतजार किया जा रहा है। जासं, एटा : मौसम आए दिन करवट ले रहा है। बारिश ने भी दस्तक दे दी है। दूसरी ओर गेहूं खरीद रही क्रय एजेंसियां तथा केंद्र प्रभारी फिर भी लापरवाह बने हैं। खरीद किया जा रहा गेहूं टनों मात्रा में खुले आसमान के नीचे है और जिम्मेदारों के पास सुरक्षा के लिए सिर्फ तिरपाल ही नजर आती है। ऐसे हाल में तेज बारिश की स्थिति में गेहूं खराब होने से बड़ा नुकसान हो सकता है।

यहां बता दें कि जिले में 89 क्रय केंद्रों पर गेहूं की सरकारी खरीद की जा रही है। ज्यादातर क्रय केंद्र ऐसे हैं जहां 500 कट्टे भी रखने के लिए सुरक्षित जगह नहीं है। खरीद वैसे तो 15 जून को समाप्त हो जानी थी। अंतिम चरण होने के कारण गेहूं भी तेजी से पहुंच रहा था । पिछले महीने हुई हल्की बारिश के कारण कई क्रय केंद्रों पर गेहूं भीगा। अपनी खामी छुपाने को भले उस गेहूं को सुखाकर फिर से पैक कर दिया गया हो लेकिन आगे के लिए तेज बारिश की स्थिति में सरकारी गेहूं की सुरक्षा को लेकर संजीदगी ही नहीं है। लापरवाही इस हद तक है कि जिले में अब तक 71 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है लेकिन जिम्मेदारों की शिथिलता के कारण 64000 मीट्रिक टन गेहूं गोदामों तक सुरक्षित पहुंचा है। अभी भी 7000 मीट्रिक टन गेहूं क्रय केंद्रों और एजेंसियों के पास ही है। अधिकांश क्रय केंद्रों पर यह गेहूं सुरक्षित इसलिए नहीं कि मैदान में गेहूं की बोरियां तिरपाल डालकर रखीं गईं हैं। तेज बारिश की स्थिति में गेहूं खराब होने तथा सरकार को लाखों का चूना लग सकता है। दो साल पहले भी खरीद के दौरान लाखों का गेहूं बर्बाद हुआ था। उधर डिप्टी आरएमओ नंदकिशोर का कहना है कि खरीदे जा रहे गेहूं की गोदामों को डिलीवरी तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। गेहूं भीगने के लिए प्रभारी जिम्मेदार होंगे। उन्हें बारिश को लेकर पहले ही अलर्ट किया गया है। एक सप्ताह और बढ़ाई खरीद

15 जून को समाप्त होने वाली गेहूं खरीद अब एक सप्ताह और बढ़ा दी गई है। उधर क्रय केंद्रों की स्थिति यह नजर आई मानो खरीद बंद हो गई है। केंद्रों पर जिम्मेदार गायब वही जानकारी ना होने के कारण बुधवार को किसान भी ज्यादा नहीं पहुंचे। कुछ केंद्रों पर किसान पहुंचे लेकिन उनके गेहूं को तोलने से पूर्व आदेश का इंतजार किया जा रहा था। उधर खरीद बंद होने की तिथि को ही जिम्मेदारों ने शिथिलता दिखाई। केंद्रों पर ही पड़ा 10 फीसद गेहूं

खुले में पड़े गेहूं के मध्य खरीदे अनाज का गोदामों को संप्रदान करने में भी देरी की जा रही है। अन्यथा समय से गोदामों तक गेहूं पहुंचे तो बारिश से नुकसान की स्थिति से बचा जा सकता है। अब तक खरीद के सापेक्ष संप्रदान

क्रय एजेंसी-केंद्र-गेहूं खरीद-अवशेष संप्रदान

खाद्य विभाग-7-7009-1110

पीसीएफ-45-33659-3883

यूपीएसएस-10-7555-584

टीसीयू-23-19856-1287

मंडी समिति-1-1463-17

भारतीय खाद्य निगम-1-1474-89.5

(आंकड़े मीट्रिक टन में)

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