भटक रहे किसान, लटका करोड़ों का भुगतान

गेहूं खरीद के 38 दिन बाद भी नहीं सुधर सकी व्यवस्था 18 करोड़ 28 लाख रुपये अभी भी बकाया

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 06:44 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 06:44 AM (IST)
भटक रहे किसान, लटका करोड़ों का भुगतान
भटक रहे किसान, लटका करोड़ों का भुगतान

जासं, एटा: कोरोना के हालात में गेहूं खरीद कर किसानों को राहत के दावे अभी तक कसौटी पर खरे नहीं उतर पा रहे। एक और सरकारी क्रय केंद्रों पर अव्यवस्थाएं किसानों को परेशान कर रही हैं। दूसरी ओर भुगतान को लेकर वह कभी केंद्रों तो बैंकों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। पहली बार भुगतान की बदली व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही। सप्ताह तो दूर पखवाड़े पहले तक के भुगतान लटके हैं। खरीद शुरू हुए 38 दिन गुजरने के बाद भी हाल यह है कि 18 करोड़ 28 लाख का भुगतान एजेंसियों पर शेष है।

इन दिनों कोरोना की मार के चलते किसान तबका वैसे भी समस्याएं झेल रहा है। जैसे-तैसे गेहूं की फसल घर लाकर अपनी उधारी चुकाने या फिर पहले से की गई उम्मीदों को पूरा करने के लिए ही सरकारी क्रय केंद्रों पर बेचा। कहा गया था कि किसानों को 72 घंटे में ही भुगतान उनके खातों में पीएफएमएस प्रणाली से पहुंचेगा। केंद्रों पर कहीं वारदाना न होने पर आए दिन गेहूं की तुलाई को किसान भटक रहे हैं। गेहूं खरीद कर रहीं छह एजेंसियों के 89 क्रय केंद्रों पर खरीद के सापेक्ष 18 करोड़ 28 लाख 24 हजार की धनराशि का बकाया अभी भी है। भुगतान खातों में आने में देरी किसानों की मुश्किल बढ़ा रही हैं।

उधर, क्रय एजेंसियां भी चक्कर काट रहे किसानों से बचने के लिए केंद्रों को ही औपचारिक बनाकर वारदाना न होने का बहाना करने लगी है। खास बात तो यह है कि मंडी भी बंद होने के कारण किसानों को नकदी की व्यवस्था माल बेचकर भी नहीं हो पा रही है।

- किसानों को समर्थन मूल्य देने की आड़ में भुगतान में देरी जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। 15 से 20 दिन बाद में भुगतान की ब्याज भी किसानों को मिलनी चाहिए।

भगवान सिंह - जब किसानों को ऋण दिया जाता है तो फाइल तैयार होते ही ब्याज का मीटर चालू हो जाता है। अब जब भुगतान में देरी की जा रही है तो फसल बेचने के बावजूद भुगतान न मिलने से दोहरी मार पड़ रही है।

दरबारी लाल - क्रय केंद्रों पर साठगांठ वालों का भुगतान जल्दी और छोटे और गरीब किसानों के भुगतान में देरी से साफ है कि सरकार की नीति पारदर्शी नहीं है, जिसका लाभ केंद्र प्रभारी अपने चहेतों को दिला रहे हैं।

भारतवीर - सरकार जो कहे उसे पूरा करना भी चाहिए। गेहूं बेचने के साथ हमने भी उधारी चुकाने को वादे किए थे माल बेचकर भी अब मुश्किलों का सामना आर्थिक समस्याओं के रूप में कर रहे हैं।

गंगा सिंह

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किसानों के भुगतान को लेकर अब ज्यादा परेशानी नहीं है। क्रमिक रूप से गेहूं बेचने वाले किसानों को उनका बकाया भुगतान हाथों में पहुंच रहा है। एक सप्ताह में ही लगभग 13 करोड़ का भुगतान किया गया है।

नंदकिशोर, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी। -------

क्रय एजेंसियों पर किसानों के बकाए की स्थिति

क्रय एजेंसी-कुल केंद्र-क्रय गेहूं की धनराशि-बकाया भुगतान खाद्य विभाग-9-166.05-51.69 पीसीएफ-45-1582-883.51 यूपीएसएस-10-271.94-117.67 पीसीयू-23-1007.39-735.27 मंडी समिति-1-61.92-15.92 भारतीय खाद्य निगम-1-92.19-24.15 नोट- (सभी आंकड़े लाख रुपये में है)

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