डांडिया उत्सव में दिखी भारत की विभिन्न नृत्यकलाएं

गंगा ज्योति सेवा संस्थान द्वारा रविवार को शहर के ग्रीन गार्डन में डांडि

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 02:59 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 02:59 AM (IST)
डांडिया उत्सव में दिखी भारत की विभिन्न नृत्यकलाएं
डांडिया उत्सव में दिखी भारत की विभिन्न नृत्यकलाएं

जागरण संवाददाता, एटा: गंगा ज्योति सेवा संस्थान द्वारा रविवार को शहर के ग्रीन गार्डन में डांडिया उत्सव मनाया गया। जिसमें भारत की विभिन्न नृत्य शैलियां का प्रदर्शन हुआ। बच्चों के ग्रुप डांस आकर्षण का केंद्र रहे।

सदर विधायक विपिन वर्मा डेविड की पत्नी प्रेमलता वर्मा डेविड ने उत्सव की शुरुआत कराते हुए कहा कि सनातन धर्म के प्रत्येक पर्व का उद्देश्य ही अपनी एकता और भाईचारा बढ़ाना है। वहीं इन पर्वों के माध्यम से पुरातन संस्कृति को अक्षुण्य रखने का अवसर मिल जाता है। डांडिया उत्सव में मातृशक्तियों ने देवी के भजनों पर नूत्य प्रस्तुत किए। संचालन राजकुमार भरत ने किया। इस मौके पर अलका गुप्ता, रुबी वर्मा,मालती वर्मा,मीना वर्मा, शबनम जहीर,अनीता वर्मा, मीरा माहेश्वरी, रूपा जैन ,डोली सक्सेना , रीता वर्मा, आदि प्रमुख मौजूद रहे। सुपाच्य करें भोजन, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाएं: रविवार को सेवानिवृत्त आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ के पदाधिकारियों की बैठक सेवानिवृत्त क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. सुरेंद्र मोहन सारस्वत के आवास पर हुई। जिसमें इस मौसम में पनप रहे संक्रामक रोगों की रोकथाम के उपायों पर चर्चा हुई। बैठक में डा. सारस्वत ने बताया कि संक्रामक रोग दो ऋतुओं के संधिकाल में सर्वाधिक फैलते हैं। इन दिनों बरसात और शरद ऋतु का संधिकाल चल रहा है। शक्ति पर्व का मूल उद्देश्य ही शरीर को प्रत्येक व्याधि से मुक्त कराना है। इसलिए व्रत में फलाहार करना बताया गया है। संधिकाल में बुखार और पेट से जुड़े रोगों का अधिक फैलाव होता है। डा. ध्रुवेंद्र भदौरिया ने बताया कि आयुर्वेद रोग शमन से अधिक शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का निर्देश देता है। कोरोनाकाल में आयुर्वेद की वैज्ञानिकता कई बार प्रमाणित हो चुकी है। बैठक में डा. श्रीपाल सिंह सोलंकी ने बताया कि इन दिनों अमल और स्नेह युक्त भोजन करना लाभकारी होता है। डा. मोहन सिंह चौहान ने पुराने गेंहू, जौ, चना मिश्रित आटे के प्रयोग को इन दिनों में लाभकारी बताया। बैठक में डा. जयपाल सिंह, डा. जेएस यादव ने सूत्री वस्त्रों के प्रयोग व हल्दी के सेवन पर जोर दिया। इस अवसर पर डा. राकेश मोहन शर्मा, डा. राघवेंद्र उपाध्याय समेत काफी सेवानिवृत्त चिकित्सक मौजूद रहे।

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