सुख और दुख जीवन सरिता के दो घाट

मंदिर में चल रहा कल्याण स्त्रोत विधान गणाचार्य ने कर्म की महत्ता पर डाला प्रकाश

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Sep 2021 05:42 AM (IST) Updated:Fri, 03 Sep 2021 05:42 AM (IST)
सुख और दुख जीवन सरिता के दो घाट
सुख और दुख जीवन सरिता के दो घाट

जासं, एटा: शहर के पुरानी बस्ती स्थित बड़े जैन मंदिर में चल रहे कल्याण मंदिर स्त्रोत विधान में गुरुवार को धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। प्रवचन सत्र में गणाचार्य ने कर्म की महत्ता पर प्रकाश डाला।

गणाचार्य विराग सागर ने कहा कि सुख और दुख जीवन सरिता के दो घाट होते है। जीवन में कभी सुख तो कभी दुख की अनुभूति होती है। जब जीवन में दुख की अनुभूति होती है। उस समय में प्रत्येक जीव के स्वजन तक उसका साथ छोड़ जाते है। ऐसे में वह अपने आपको हर तरफ से असुरक्षित महसूस करता है। ऐसे ही जब उसके जीवन में सुखों का समावेश होता है तो उसे हर क्षण प्रसन्नता व खुशी का अहसास होता है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि हर समय अपने आपको प्रसन्न रखने का प्रयास करे। जब चेहरे पर प्रसन्नता रहेगी तो विपदाएं भी अपने आप ही दूर होने लगेंगी। मंदिर में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। अध्यक्ष सुरेश चंद्र जैन, महामंत्री आनंद जैन, सोना जैन, संजय जैन, डा. शैलेंद्र जैन, अनीता जैन, विकास जैन, सीमा जैन, सोना जैन, दिया जैन, विश्वलता जैन, बौबी जैन, दीपक जैन, सुधीर कुमार जैन, प्रदीप कुमार जैन, पूते जैन, कुनाल जैन, आरती जैन, मौनी जैन, दीपिका जैन, सिद्धी जैन समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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