जन फीडबैक लेने की नहीं है व्यवस्था

एटा में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर जन फीडबैक लेने की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। इस वजह से भी हम स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छी रैंक पाने से पिछड़ जाते हैं। लोगों को जागरूक भी ठीक तरह से नहीं किया जा रहा। सर्वे के लिए आने वाली टीमों ने भी फीडबैक इस बार ठीक तरह से नहीं लिया। वे लोगों के घरों तक नहीं पहुंची। स्थानीय संगठन भी जागरूकता अभियान चलाने में पीछे रहे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 04:30 AM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 04:30 AM (IST)
जन फीडबैक लेने की नहीं है व्यवस्था
जन फीडबैक लेने की नहीं है व्यवस्था

जागरण संवाददाता, एटा : एटा में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर जन फीडबैक लेने की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है। इस वजह से भी हम स्वच्छता सर्वेक्षण में अच्छी रैंक पाने से पिछड़ जाते हैं। लोगों को जागरूक भी ठीक तरह से नहीं किया जा रहा। सर्वे के लिए आने वाली टीमों ने भी फीडबैक इस बार ठीक तरह से नहीं लिया। वे लोगों के घरों तक नहीं पहुंची। स्थानीय संगठन भी जागरूकता अभियान चलाने में पीछे रहे।

स्वच्छता अभियान हर शहर या कस्बा में चलाए जा रहे हैं। नगर पालिका और नगर पंचायतें अपने-अपने स्तर से सफाई का एक्शन प्लान तैयार कर उसे लागू करवाती हैं। ऐसे में फीडबैक देकर रेटिग तय की जाती है, तब जाकर राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर रैंक निर्धारित होती है। इसके लिए बाकायदा सर्वे किया जाता है। नामचीन सर्वे कंपनियों को ठेका दिया जाता है। यह कंपनियां स्वच्छता सर्वेक्षण एप जारी करती हैं, जिन पर नागरिकों को फीडबैक देना पड़ता है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि नागरिक फीडबैक तब देंगे जब उन्हें यह पता हो कि कौन सा एप डाउनलोड करना है। इस एप का जितना प्रचार-प्रसार अधिक होता है उतना ही जनता का फीडबैक अधिक मिलता है। कई निकायों में सफल रहा प्रयोग

जिन नगरपालिकाओं और निकायों का फीडबैक अधिक मिला उन निकायों की स्वच्छता रैंकिग ठीक आई। जनपद की अवागढ़ नगर पंचायत में सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया, लेकिन इसके साथ ही वहां की टीम ने सबसे ज्यादा जोर जनता के फीडबैक पर दिया। घर-घर जाकर एप डाउनलोड कराए गए, लोगों से कहा कि वे सर्वे में जरूर भाग लें। निकाय की टीम इस अभियान की निरंतर मानीटरिग करती रही। उसी का नतीजा है कि अवागढ़ नगर पंचायत की रैंकिग 5वीं आई है। इसी तरह अगर अन्य निकायों ने ध्यान दिया होता तो उनकी रैंकिग भी ठीक आती। एटा शहर फीडबैक में पिछड़ा

एटा शहर स्वच्छता रैंकिग को लेकर फीडबैक देने में काफी पिछड़ गया। नगरपालिका यह दावा कर रही है कि सीवर लाइन की खोदाई के कारण स्वच्छता रैंकिग में एटा पालिका पिछड़ी है। दूसरी तरफ स्थिति यह है कि फीडबैक देने के लिए एप का प्रचार-प्रसार ही पर्याप्त नहीं हुआ। पालिका की टीमों ने बहुत कम लोगों को एप डाउनलोड कराए और इसका कोई आंकड़ा भी अधिकारी बताने को तैयार नहीं। स्वच्छता सर्वेक्षण एप में दस सवाल दिए जाते हैं, जिनका जवाब नागरिकों को देना होता है। इन जवाबों के आधार पर ही रेटिग तैयार की जाती है। मैं भी स्वच्छता प्रहरी

जिस तरह से हम सफाई व्यवस्था पर ध्यान दे रहे हैं उसी तरह फीडबैक देना भी अनिवार्य है। स्वच्छता के लिए कंपटीशन की भावना भी होनी चाहिए, ताकि अपना शहर या कस्बा भलीभांति चमक सके। इसके लिए हमें सर्वे में भाग लेने की सक्रियता भी दिखानी होगी, तब ही अपना फर्ज पूरी तरह से अदा कर पाएंगे।

सत्यपाल सिंह राठौर, विधायक अलीगंज स्वच्छता सर्वेक्षण में भागीदार बनने के लिए हम सबको सक्रिय भूमिका निभानी होगी। सफाई तो हम सब करते ही हैं, लेकिन वह आंकड़ों में भी आनी चाहिए, ताकि हमें पता चल सके कि स्वच्छता में हम कौन से स्थान पर हैं। इसलिए फीडबैक जरूर दें और लोगों को भी जाग्रत करें कि वे भी जागरूकता दिखाएं।

डा अवधेश कुमार वाजपेयी, मुख्य विकास अधिकारी लोग बोले

सफाई के लिए हम सबको विशेष रूप से ध्यान देना होगा, तब ही सफाई के प्रति हम सब जागरूक माने जाएंगे। अपने शहर को साफ रखने की जिम्मेदारी हम सबकी है।

- नीलकमल हम सब जिस गली में रहते हैं उस गली को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी निभाएं। जिस तरह से अपने घर को साफ करते हैं उसी तरह से मकान के दरवाजे पर भी सफाई रखें।

- हरिओम

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