बंदी ने डाक्टर के खिलाफ की थी कई बार शिकायत

जेल में निरुद्ध सजायाफ्ता कैदी द्वारा आगरा के एक चिकित्सक से फोन पर 10 लाख रुपये क

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 04:48 AM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 04:48 AM (IST)
बंदी ने डाक्टर के खिलाफ की थी कई बार शिकायत
बंदी ने डाक्टर के खिलाफ की थी कई बार शिकायत

जासं, एटा : जेल में निरुद्ध सजायाफ्ता कैदी द्वारा आगरा के एक चिकित्सक से फोन पर 10 लाख रुपये की रंगदारी के मामले को लेकर जेल प्रशासन ने जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि चिकित्सक और बंदी के बीच पुरानी रंजिश है। बंदी ने डाक्टर के खिलाफ फर्जीवाड़े की शिकायत भी अधिकारियों से कर रखी है। जेल प्रशासन का कहना है कि डाक्टर ने जिस बंदी पर फोन करने का आरोप लगाया है उसने उस दिन जेल के फोन से किसी से भी बात नहीं की। उसकी जगह किसी दूसरे ने फोन किया है, जिसकी तहकीकात जारी है।

आगरा के बोदला क्षेत्र में आयुष्मान हास्पीटल के संचालक संजीव यादव ने एसएसपी को व्हाट्सएप पर शिकायती पत्र भेजकर जेल में निरुद्ध बंदी अनिल पांडेय निवासी निजामाबाद थाना जैथरा पर आरोप लगाया था कि उसने 17 दिसंबर 2020 को जेल के लेंडलाइन फोन से उनके मोबाइल नंबर पर फोन करके 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगी थी। यह शिकायत 14 जनवरी 2021 को की थी। इसके बाद यह मामला पुलिस ने जेल प्रशासन को सौंप दिया।

जेल अधीक्षक ने मामले की जांच कराई तो पता चला कि बंदी अनिल पांडेय ने डाक्टर और उनकी पत्नी अंजू यादव के खिलाफ शिकायत की थी कि वे बिना मानकों को पूर्ण किए आयुष्मान हास्पीटल का संचालन कर रहे हैं। चिकित्सक पर ड्रग तस्करी, नकली दवाएं एवं मानव अंग तस्करी जैसे गंभीर आरोप लगाए थे।

यह शिकायत अपर महानिदेशक स्वास्थ्य से की गई थी, जबकि इससे पहले अनिल ने आगरा के मुख्य चिकित्साधिकारी के यहां आरटीआइ भी लगाई, जिसमें छह बिदुओं पर जवाब मांगे थे। जेल प्रशासन ने जब जांच की तो प्रारंभिक तौर पर सामने आया कि जिस तारीख को फोन करने का आरोप बंदी पर लगाया गया है उस दिन उसने कोई फोन ही नहीं किया। चिकित्सक के गांव के चार बंदी जेल में

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डा. संजीव यादव के गांव कठिगरा थाना क्षेत्र जैथरा के चार बंदी जेल में विभिन्न मामलों में निरुद्ध हैं। जेल प्रशासन का कहना है कि अनिल ने उस दिन कोई फोन नहीं किया। हो सकता है कि किसी और बंदी ने अनिल का नाम लेकर चिकित्सक को फोन किया हो। इसकी जांच चल रही है और पुलिस से काल डिटेल भी मांगी गई है, जिसके मिलने पर सब कुछ साफ हो जाएगा। इसके अलावा जेल में निरुद्ध संदिग्ध बंदियों से पूछताछ भी की जा रही है। कोरोना के कारण फोन करने की छूट

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कोरोना संकट के कारण जेल में मिलने पर पाबंदी है। इस वजह से शासन के निर्देश पर जेल प्रशासन ने दो-तीन दिन में बंदियों को लेंडलाइन फोन से परिवार वालों से बातचीत करने की छूट दे रखी है। जेल प्रशासन यह मान रहा है कि इसका फायदा किसी बंदी ने उठाया है। ------------

किस बंदी ने फोन कर चिकित्सक से रंगदारी मांगी, इसका पता लगाया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि डाक्टर की आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे बंदी अनिल पांडेय से पुरानी रंजिश चल रही है। मामले की गंभीरतापूर्वक जांच की जा रही है। शीघ्र ही पर्दाफाश किया जाएगा।

- पीपी सिंह, जेल अधीक्षक एटा

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