सात साल पहले हुई व्यवसायी पुत्र की हत्या की गुत्थी फिर उलझी

सर्राफा व्यवसायी के सुसाइड नोट के चलते अब जांच नये सिरे से ही होगी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 30 May 2021 06:23 AM (IST) Updated:Sun, 30 May 2021 06:23 AM (IST)
सात साल पहले हुई व्यवसायी पुत्र की हत्या की गुत्थी फिर उलझी
सात साल पहले हुई व्यवसायी पुत्र की हत्या की गुत्थी फिर उलझी

जासं, एटा: खुदकुशी करने वाले सर्राफा व्यवसायी वीरेंद्र गुप्ता सर्राफ के पुत्र की सात साल पूर्व हुई हत्या की गुत्थी व्यवसायी द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट के चलते फिर उलझ गई। अब सब कुछ जांच पर निर्भर है। जांच से ही सुसाइड नोट की बातों पर मुहर लगेगी।

सर्राफा व्यवसायी वीरेंद्र गुप्ता सर्राफ के पुत्र अतुल की घर के दरवाजे पर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जबकि दूसरे पुत्र को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। यह हत्याकांड काफी सुर्खियों में रहा। अंतत: पुलिस ने इस हत्या में मुहल्ला बारहबीघा नई बस्ती निवासी गौरव, मुकेश और मुकेश के एक भाई को गिरफ्तार किया था, जोकि सर्राफा व्यवसायी के रिश्तेदार भी हैं। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की और यह मामला अदालत में चल रहा है। उधर, अतुल की हत्या के बाद उनकी पत्नी प्रियंका ज्यादा दिन अपनी ससुराल में नहीं रही। पैसा व गहने लेकर मायके चली गई।

सुसाइड नोट में वीरेंद्र गुप्ता ने लिखा है कि उन्हें कुछ समय पहले ही पता चला कि अतुल की हत्या उसके साले अमर गुप्ता और उसके दोस्त सरह गंगवार ने की। इसके पीछे का कारण 40 लाख रुपये की प्रापर्टी थी। अतुल ने यह प्रापर्टी अपनी पत्नी के नाम खरीदी थी, जिसे पत्नी और उसके भाई ने मिलकर बेच दिया। पैसा अतुल को नहीं दिया। इसको लेकर कहासुनी भी हुई तथा धमकी भी दी गई। इसके बाद अतुल की इन्हीं लोगों ने हत्या कर दी। सुसाइड नोट में साफ लिखा है कि अतुल की हत्या में उसकी पत्नी प्रियंका के पिता नवीन गुप्ता का भी हाथ था। पुत्रवधू का भाई मांग रहा था एक करोड़:

सुसाइड नोट में लिखा है कि अतुल की पत्नी प्रियंका का भाई अमर एक करोड़ रुपये की मांग कर रहा था। बताया गया है कि फोन पर बातचीत भी होती थी, लेकिन इससे ज्यादा सुसाइड नोट में नहीं लिखा। सुसाइड नोट में लिखा है कि अमर का दोस्त सरह गंगवार के पिता संतोष गंगवार भी पूरी साजिश में शामिल हैं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है। दारोगा जितेंद्र पटेल का जिक्र:

सुसाइड नोट में कायमगंज के दारोगा जितेंद्र पटेल का भी जिक्र है। वीरेंद्र गुप्ता ने लिखा है कि दारोगा जितेंद्र पटेल से साठगांठ करके मेरे व मेरे पुत्र के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज करा दिया गया। इतना ही नहीं इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल हो गई, जबकि केस बिल्कुल झूठा है। अंत में लिखी मार्मिक बातें

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सुसाइड नोट में वीरेंद्र गुप्ता ने लिखा है कि मरते वक्त कोई झूठ नहीं बोलता इसलिए मैं सब कुछ सच लिख रहा हूं। अपने पुत्रों के लिए लिखा है कि जो भी संपत्ति है आपस में प्यार से बांट लें। उन्होंने सुसाइड नोट पर तीन बार अपने हस्ताक्षर किए हैं और पुलिस से अपील की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और जो दोषी हों उन्हें जेल भेजा जाए। पुलिस काल डिटेल खंगालने में जुटी:

पुलिस ने वीरेंद्र गुप्ता का मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लिया है और काल डिटेल खंगाली जा रही हैं। यह देखा जा रहा है कि उनकी किससे बात होती थी। पुलिस बारीकी से जांच-पड़ताल कर रही है।

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