अतिक्रमण से मुक्त होगा शहर का मुख्य नाला
नाले पर अतिक्रमण करने वाले लोगों को चिन्हित करने के लिए पालिका ने लगाई टीम अतिक्रमण हटाने को सात दिन का दिया जाएगा मौका
जासं, एटा: शहर के अंदर हो रहे जलभराव के कारण प्रशासन नालों पर हो रहे अतिक्रमण को मान रहा है। अतिक्रमण होने के कारण नालों की चौड़ाई कम होने से जलभराव के हालात शहर के अंदर बन रहे हैं। ऐसे में शहर के मुख्य नाले को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
अधिकांश नाले और नालियों पर लोगों ने दीवार और मकान बनाकर अतिक्रमण कर लिया है। इस कारण नालों की चौड़ाई मौके पर आधे से भी कम हो गई है। नाले और नालियां सकरी होने के कारण बारिश के बाद पानी शहर से निकल नहीं पाता है। इसे लेकर शहर के अंदर चारों तरफ जलभराव के हालात बन जाते हैं। इसे लेकर लोगों को मुहल्लों से पलायन भी करना पड़ता है। इन सभी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने नाले और नालियों से अतिक्रमण हटवाने के लिए कार्रवाई शुरू की है।
इसमें सबसे पहले शहर के मुख्य नाले का चयन किया गया है। यह नाला मारहरा दरवाजा से लेकर भदौं के ताल तक पहुंचता है। इस तरह से यह शहर का तीन किलोमीटर दूरी का सबसे बड़ा नाला है। इस पर कई जगह पर लोगों ने दीवार और मकान निर्माण करके अतिक्रमण कर लिया है। नाले की आधी चौड़ाई रह गई है। कागजों में इस नाले की चौड़ाई 14 मीटर दर्ज है। ईओ डा. दीप कुमार वाष्र्णेय ने बताया कि नाले पर अतिक्रमण करने वाले लोगों को चिन्हित करने के लिए टीम लगाई गई है। इसके बाद चिन्हित लोगों को सात दिन में अतिक्रमण हटाने के लिए मौका दिया जाएगा। पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में नाले से अतिक्रमण हटवाया जाएगा।