क्षमावाणी पर्व पर लोगों ने एक दूसरे से मांगी क्षमा
क्षमा मांगना और क्षमा करने से होती आत्मा की पवित्रता देर शाम तक इंटरनेट मीडिया पर घूमते रहे लोगों के क्षमा संदेश
जासं, एटा: समूचे जनपद में जैन समाज का क्षमावाणी पर्व धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने सभी इंद्रियों से हुई गलतियों के लिए एक दूसरे से क्षमा मांगी। देर शाम तक इंटरनेट मीडिया पर लोगों के क्षमा मांगने के संदेश प्रसारित होते रहे। अन्य पथों के अनुयायियों ने भी इस परंपरा का सम्मान करते हुए एक दूसरे से क्षमा मांगी।
शहर के घंटाघर के पंडाल में चल रहे मेला में गणाचार्य विराग सागर ने बताया कि क्षमा रूपी औषधि ही आत्मा को पवित्रता प्रदान करती है। अपनी गलतियों पर क्षमा मांगने से मन के अंदर के पाप दूर होते है। वहीं अपने प्रति हुई गलतियों पर गलतियां करने वाले को क्षमा करने से व्यक्ति के भीतर इंद्रियों को जीतने की शक्ति जाग्रत होती है। उन्होंने बताया की दूध तभी तक उबलता और उफनता है जब तक वह अग्नि पर होता है। ऐसे ही क्रोधाग्नि के चलते व्यक्ति धर्म पर नहीं चल सकता। उन्होंने लोगों को क्षमावाणी पर्व की महत्ता समझाई। पर्व पर घंटाघर क्षेत्र में आचार्य ससंघ ने भ्रमण किया। लोगों ने बैंडबाजों के साथ धर्म ध्वजा फहराई। समूचे जनपद में संचार माध्यमों के द्वारा लोगों ने अपने अपने गलतियों के लिए क्षमा मांगी। जैन समाज की इस परंपरा का सम्मान करते हुए अन्य पंथों के अनुयायियों ने भी एक दूसरे से अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगी। देर शाम तक नेट की साइडों पर क्षमा के संदेश प्रसारित होते रहे। अध्यक्ष सुरेश चंद्र जैन, महामंत्री आनंद जैन, सोना जैन,आलोक जैन, संजय जैन, डा. शैलेंद्र जैन, अनीता जैन, विकास जैन, सीमा जैन, सोना जैन, दिया जैन, विश्वलता जैन, बौबी जैन, दीपक जैन, सुधीर कुमार जैन, प्रदीप कुमार जैन, पूते जैन, कुनाल जैन, आरती जैन, मौनी जैन, दीपिका जैन, सिद्धी जैन समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।