किसान सम्मान निधि में फर्जीवाड़े का दीमक

जागरण संवाददाता एटा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में भी माफिया सेंध लगाने में सफल हो गए। स

By JagranEdited By: Publish:Fri, 29 May 2020 12:02 AM (IST) Updated:Fri, 29 May 2020 12:02 AM (IST)
किसान सम्मान निधि में फर्जीवाड़े का दीमक
किसान सम्मान निधि में फर्जीवाड़े का दीमक

जागरण संवाददाता, एटा: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में भी माफिया सेंध लगाने में सफल हो गए। सैकड़ों पात्र किसान लाभ के लिए भटक रहे हैं। वहीं तमाम अपात्र भी लाभ पाकर मौज कर रहे हैं। यह सब आवेदनों के सत्यापन बिना ही सीधे पोर्टल पर डाटा अपलोड कराने से हुआ है। इसके पीछे जिम्मेदारों की लॉगइन आईडी का दुरुपयोग किया जाना है।

यहां बता दें कि जिले में किसान सम्मान निधि योजना लगातार चल रही है। कई महीनों से योजना फिर से शुरू होने के बाद यहां भी किसानों का शोषण करने के साथ ही लाभ दिलाने के नाम पर जमकर वसूली का खेल चल रहा है। नियमानुसार आवेदक किसानों को राजस्व कृषि विभाग के जिम्मेदारों के सत्यापन के बाद ही उनका डाटा केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। यहां कुछ महीनों से हाल यह है कि विभाग के ही कुछ लोगों ने डाटा अपलोड करने वाली लॉगइन आईडी कई जनसेवा केंद्रों तक पहुंचा दी है। यही वजह है कि वसूली के जोर पर अपात्र भी बिना सत्यापन के योजना के हकदार बनते जा रहे हैं। नियमानुसार पति-पत्नी में से एक तथा किसी सरकारी लाभ पाने वाले को सम्मान निधि का लाभ नहीं दिया जा सकता, लेकिन इसके बावजूद अपात्रों को कुछ लोगों की मिलीभगत से बिना सत्यापन फर्जीवाड़ा कर लाभान्वित कराया जा रहा है। हालांकि यह मामला अलीगंज जैथरा के गांव तिसौरी, राजा का रामपुर, वरना, तरिगवा के किसानों द्वारा शिकायत किए जाने के बाद सामने आया, लेकिन अब मारहरा, निधौलीकलां क्षेत्र में भी शिकायतें तेज हो गई है।

कृषि मंत्रालय, प्रदेश सचिवालय, कृषि निदेशालय तक फर्जीवाड़े की शिकायतें भेजी गई हैं। गिरौरा निवासी रूमाली सिंह ने गांव के दर्जनभर अपात्र लोगों को भी योजना का लाभ मिलने तथा किए गए फर्जीवाड़े को लेकर पूरा चिट्ठा मुख्यमंत्री को भी भेजा है। शिकायत में जनसेवा केंद्र संचालक की विभाग के लोगों से साठगांठ भी बताई गई है। इसी तरह अन्य क्षेत्रों में भी बिना सत्यापन हो रहे फर्जीवाड़े तथा पात्रों को लाभ से वंचित करने की शिकायतें तेज हो गई हैं। सवाल है कि जिस लॉगइन आईडी के द्वारा सिर्फ विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को उपयोग का अधिकार है, उसका प्रयोग बाहरी लोग कैसे कर रहे हैं। इसके पीछे भी विभागीय मिलीभगत पर आंखें मूंदकर जिम्मेदार बैठे हैं। माना जा रहा है कि यदि लाभ पा रहे लोगों का फिर से सत्यापन हो तो हजारों अपात्र योजना का लाभ पाते मिल सकते हैं। उधर सीडीओ मदन वर्मा का कहना है कि उन्हें शिकायत नहीं मिली है यदि कोई भी विभागीय कर्मी गड़बड़ कर रहा है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। किसान सम्मान निधि की जिले में स्थिति

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- जिले में चिहित कुल किसानों की संख्या - 3.61 लाख

- ऐसे किसान जिनका डाटा सत्यापन बाद लॉक हुआ - 2.72 लाख

- ऐसे किसान जिन्हें नियमित किश्त मिल रही है - 209261

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